Why BJP defeat in UP: लोकसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि NDA को सबसे ज्यादा नुकसान यूपी में हुआ. जो बीजेपी यूपी में लगातार 90 फीसदी सीटें जीतती नजर आ रही थी, आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतना बुरा हाल हो गया.
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UP Lok sabha Resutlt 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की मैजिक पावर की दम पर उत्तर प्रदेश में मिशन 80 को लेकर निकली भाजपा के लिए मंगलवार को आए नतीजे चौंकाने वाले रहे. छोटे दलों के साथ यहां एनडीए 40 सीटों के आसपास सिमटती नजर आ रही हैं. सवाल ये उठ रहे हैं कि कार्यकर्ताओं की इतनी बड़ी फौज और प्रचार तंत्र की मशीनरी से मैदान में उतरी भाजपा जमीनी हकीकत को भांप नहीं पाई. इसके पीछे कुछ वजह हैं जिनको समझने में शायद बीजेपी का तंत्र अंजान रहा. जहां वह सीटें बढ़ाना तो दूर की बात, अपनी सीटें भी नहीं बचा पाई.
बीजेपी के पिछड़ने की पांच वजहें
अग्निपथ योजना
भले ही बीजेपी नौजवानों को हित में रखकर अग्निवीर लाई हो पर ये काफी हद तक कामयाब नहीं हुई. आम जनता का ये पसंद नहीं आई. लोगों का कहना था कि चार के बाद युवा फिर बेरोजगार हो जाएगा. अग्निवीर स्कीम को लेकर युवाओं की नाराजगी स्कीम लागू करते वक्त भी दिखी थी.
कैंडिडेट सलेक्शन
बीजेपी ने प्रत्याशियों के चयन में काफी गलतियां की. स्थानीय लोगों के गुस्से को दरकिनार करते हुए ऐसे लोगों को टिकट दिए गए, जो मतदाताओं को शायद पसंद नहीं आए. या स्थानीय नेता को दरकिनार किया गया और बाहरी लोगों को टिकट दिया. इसका नतीजा भाजपा को मिलने वाले मत प्रतिशत में भारी गिरावट दर्ज की गई.
नौकरी और पेपर लीक
यूपी से एक के बाद एक पेपर लीक की घटनाएं हुई जिससे आम जनता परेशान थी. उनका गुस्सा शायद वोटों के रूप में फूटा. बीजेपी की यूपी में इस तरह शिकस्त खाने का कारण पेपर लीक भी हो सकता है. कई बड़े पेपरों के लीक होने से लोगों के अंदर गुस्सा था. एक तरफ जहां लोग बेरोजगारी से परेशान थे. पेपर लीक, युवाओं के लिए एक बड़ा मुद्दा था. इसी वजह से जमीन पर भारी संख्या में युवा भाजपा से काफी नाराज दिखे. मतों में भी बात झलक कर आ रही है.
राजपूतों की नाराजगी, यूपी सीएम को हटाने की अफवाह से नुकसान
यूपी में क्षत्रियों की नाराजगी की भी बीजेपी को नुकसान हुआ है. पहले गुजरात में परषोत्तम रुपाला का क्षत्रियों पर कमेंट मुद्दा बना. गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट कटना भी मुद्दा बना. एक अफवाह यह भी फैलाई गई कि अगर बीजेपी को 400 सीटें मिलती हैं तो उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को बीजेपी हटा देगी. इस बात को लेकर आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर जमकर हमला भी बोला. पश्चिमी यूपी में लगातार कई जिलों में राजपूतों ने सम्मेलन करके कसम दिलाई गई कि किसी भी हालत में बीजेपी को वोट नहीं देना है. अगर ठीक से कोशिश की गई होती तो ये सम्मेलन रोके जा सकते थे.
संविधान बदलने की चर्चा
पीएम मोदी ने जैसे ही 400 पार का नारा दिया, बीजेपी के कुछ नेता दावा करने लगे कि 400 पार इसलिए चाहिए क्योंकि संविधान बदलना है. इस बात को कांग्रेस और सपा ने खूब भुनाया और इसे आरक्षण से जोड़ा. दावा किया कि भाजपा इतनी ज्यादा सीटें इसलिए चाहती है ताकि वह संविधान बदल सके और आरक्षण खत्म कर सके. दलितों और ओबीसी को ये बात जमी नहीं और नतीजा वोट के रूप में सामने आया. जनता के मन में ये बात आई की अगर यूपी प्रचंड बहुमत से आई तो संविधान बदल जाएगा. जनता को ये बात नागवार गुजरी और उसने अपना जनादेश इस रूप में दे दिया.
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