UP Lok Sabha Chunav 2024: महराजगंज से 6 बार के सांसद पंकज चौधरी को BJP ने फिर उतारा, विपक्षियों के सामने चुनौती
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UP Lok Sabha Chunav 2024: महराजगंज से 6 बार के सांसद पंकज चौधरी को BJP ने फिर उतारा, विपक्षियों के सामने चुनौती

Mahrajganj Lok Sabha Chunav 2024: इस सीट से चार बार उन्‍होंने जीत दर्ज की और एक रिकॉर्ड खड़ा किया जिसे अब जाकर मौजूदा सांसद पंकज चौधरी ने छह बार की जीत के साथ तोड़ा है. सिब्‍बन लाल सक्‍सेना आज भी महराजगंज के मसीहा के तौर पर जाने जाते हैं. आजादी के बाद साल 1952 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुए तो निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी और निर्दल प्रत्याशी के रूप में ही उन्होंने दूसरा लोकसभा चुनाव भी जीत लिया. महराजगंज से 6 बार के सांसद पंकज चौधरी को फिर से BJP ने मौका दिया है. चुनाव मैदान में उतारा है.

Maharajganj Lok Sabha seat

Mahrajganj Lok Sabha Chunav 2024: पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक जिला है महराजगंज जिसका इतिहास बेहद समृद्ध है और वर्तमान में राजनीतिक रूप से इसका अपना एक अलग महत्व है. भारत-नेपाल की सीमा पर यूपी का यह महराजगंज लोकसभा क्षेत्र बसा है और स्वतंत्रता के बाद से इस सीट से बीजेपी ने छह बार चुनाव जीता है और इस तरह 2019 का चुनाव भी बीजेपी ने ही जीता है. यहां से बीजेपी के सांसद पंकज चौधरी के पहले पूर्वांचल के गांधी के तौर पर पहचान रखने वाले सिब्बन लाल सक्सेना महराजगंज सीट से 6 दफा सांसद हुए. हालांकि पिछले तीन दशक के समय को पलटकर देखें तो विपक्ष केवल दो दफा ही बीजेपी के जीत का रथ रखा है. महराजगंज से 6 बार के सांसद पंकज चौधरी को फिर से BJP ने मौका दिया है. चुनाव मैदान में उतारा है. 

ध्यान देने वाली बात है कि समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के हुए गठबंधन के मुताबिक यूपी में 17 लोकसभा सीटें कांग्रेस को सपा ने दी हैं. उत्तर प्रदेश में जो भी सीटें कांग्रेस को मिली हैं उनमें महराजगंज लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है.
यूपी के सीटों के नाम- 
अमेठी, रायबरेली
कानपुर, फतेहपुर सीकरी
बासगांव, सहारनपुर
प्रयागराज, महराजगंज
वाराणसी, अमरोहा
झांसी, बुलंदशहर
गाजियाबाद, मथुरा
सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया

महराजगंज के मसीहा
महराजगंज का जब नाम लिया जाता है तो एक नाम जरूर सामने आता है और वो नाम है- आजादी के बाद एक प्रोफेसर से नेता के रूप में उभरे स्वतंत्रता सेनानी सिब्‍बन लाल सक्‍सेना जो आजीवन अविवाहित रहे और दलितों, शोषितों के उत्‍थान के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे. इस सीट से चार बार उन्‍होंने जीत दर्ज की और एक रिकॉर्ड खड़ा किया जिसे अब जाकर मौजूदा सांसद पंकज चौधरी ने छह बार की जीत के साथ तोड़ा है. सिब्‍बन लाल सक्‍सेना आज भी महराजगंज के मसीहा के तौर पर जाने जाते हैं. आजादी के बाद साल 1952 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुए तो निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी और निर्दल प्रत्याशी के रूप में ही उन्होंने दूसरा लोकसभा चुनाव भी जीत लिया. साल 1971 में भी उनकी निर्दल जीत हुई और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर अंतिम बार लड़कर रघुबर प्रसाद को मात दी थी. 20 अगस्त 1984 को सिब्‍बन लाल सक्‍सेना की मृत्यु हो गई. 

पूर्व पीएम चंद्रशेखर भी यहां से लड़े
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को महराजगंज के वोटरों ने अपने वोटों से खूब सराहा. जब 1989 में उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा तो वो विजय हुए. अपनी परंपरागत सीट यूपी के बलिया के साथ ही वो महराजगंज दोनों सीट से जीते थे. काग्रेस के निवर्तमान सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ नन्हे बांबू को महराजगंज में उन्होंने तीन लाख से अधिक वोटों हरा दिया था. हालांकि चुनाव जीतने के बाद इस सीट को उन्होंने छोड़ दिया था. बलिया की सांसदी संभाली और देश की प्रधानमत्री पद की कुर्सी भी संभाली.

महराजगंज जिले की आबादी और साक्षरता 
कुल आबादी- 26.8 लाख 
औसत साक्षरता दर- 52.86%
पुरुषों की साक्षरता दर- 63.81%
महिलाओं की साक्षरता दर- 41.25% 

नब्बे के दशक में भाजपा ने बनाई पैठ
1990 के बाद महराजगंज लोकसभा क्षेत्र की राजनीति में बीजेपी ने पैठ बनाई और यहां पर तब से हुए आठ लोकसभा चुनाव में छह बार उसी की जीत का डंका बजा है. हालांकि कद्दावर नेता स्व. हर्षबर्धन ने एक बार कांग्रेस के टिकट पर और कुंवर अखिलेश सिंह ने एक बार सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. केन्द्र और प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की सरकार है व महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी फिलहाल केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री के पद को भी संभाल रहे हैं. छह बार के सियासी सफर में एक बार दफा ये जीत का हैट्रिक भी लगा चुके हैं.

विधानसभा सीटों का गणित
महराजगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा सीट हैं जिनमें से तीन पर बीजेपी के विधायक हैं और एक पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी है. एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. 
महराजगंज सदर से जयमंगल कन्‍नौजिया (BJP)
फरेन्‍दा से वीरेन्‍द्र चौधरी (कांग्रेस)
नौतनवां ऋषि त्रिपाठी विधायक हैं (निषाद पार्टी )
सिसवा से प्रेमसागर पटेल विधायक हैं. (BJP)
पनियरा से ज्ञानेंद्र सिंह विधायक हैं. (BJP)

साल 2014 के चुनाव परिणाम 
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के भाजपा के पंकज चौधरी जीते थे.
पंकज चौधरी को मिले कुल वोट- 4,71,542 
बसपा के काशीनाथ शुक्ला दूसरे स्‍थान पर थे, मिले कुल वोट- 2,31084
सपा के कुंवर अखिलेश सिंह तीसरे स्‍थान पर रहे, मिले कुल वोट- 2,13 974
कांग्रेस के हर्षवर्धन चौथे स्‍थान पर रहे, मिले कुल वोट- 57,193

साल 2019 के चुनाव परिणाम 
साल 2019 में पंकज चौधरी को मिले कुल वोट- 7,26,349
सपा प्रत्याशी कुंवर अखिलेश सिंह दूसरे नंबर पर रहे. कुल मिले वोट- 3,85,925
कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत तीसरे नंबर पर रहें, कुल वोट- 72,516 
पिछले चुनाव में मैदान में उतरे कुल  प्रत्याशी- 15
चौथे नंबर के प्रत्याशी के अलावा बाकी सभी को दस हजार से भी कम वोट से काम चलाना पड़ा.

महराजगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में क्या है वोटरों का जातीय समीकरण
महराजगंज लोकसभा सीट में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी की जनसंख्या 56 प्रतिशत से ज्यादा है. यहां के ओबीसी वर्ग में कई जातियां शामिल हैं.
ये जातियां हैं- 
कुर्मी-पटेल, चौरसिया
निषाद, यादव
मौर्य, चौहान
सोनार, नाई और लोहार

जबकि सवर्ण जाति में ब्राह्मणों की संख्या यहां पर कुल मतदाताओं का 12 फीसदी है. इसके अलावा बहुत कम फीसदी में यहां पर क्षत्रिय और कायस्थ समुदाय भी रह रहा है. दलित आबादी में बहुसंख्यक यहां पर जाटव समुदाय है. इसके अलावा अलावा धोबी और पासी भी दलित वर्ग में शामिल हैं. मुस्लिम वोटर भी यहां पर वोट के हिसाब से बहुत महत्व रखते हैं. अनुसूचित जनजाति की दो जातियां भी यहां मतदाताओं में शामिल है. महराजगंज के मौजूदा सांसद पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं. सियासी रणनीति की गहरी समझबूझ रखने वाले पंकज चौधरी की इस क्षेत्र में पहचान पिछड़ी जाति के बड़े नेताओं के रूप में की जाती है. पंकज चौधरी की राजनीतिक समझ को इसी से आंका जा सकता है कि वो पश्चिम बंगाल की चार लोकसभा सीटों के प्रभारी पद को भी संभाल रहे हैं. 

महराजगंज लोकसभा सीट कौन कब कब सांसद बना 
सिब्बन लाल सक्सेना ने 1952 में निर्दल सांसद बने.
सिब्बन लाल सक्सेना ने 1957 में निर्दल सांसद बने.
महादेव प्रसाद ने 1962 में कांग्रेस से  सांसद बने.
महादेव प्रसाद ने 1967 में कांग्रेस से सांसद बने.
सिब्बन लाल सक्सेना ने 1971 में निर्दल सांसद बने.
सिब्बन लाल सक्सेना ने 1977 में जनता पार्टी से  सांसद बने.
अश्फाक हुसैन अंसारी ने 1980 में कांग्रेस से  सांसद बने.
जितेन्द्र सिंह ने 1984 में कांग्रेस से  सांसद बने.
हर्षवर्धन ने 1989 में जनता दल से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 1991 में भाजपा से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 1996 में भाजपा से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 1998 में भाजपा से  सांसद बने.
कुंवर अखिलेश सिंह ने 1999 में सपा से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 2004 में भाजपा से  सांसद बने.
हर्षवर्धन ने 2009 में कांग्रेस से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 2014 में भाजपा से  सांसद बने.
पंकज चौधरी ने 2019 में भाजपा से  सांसद बने.

महराजगंज लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी फिर से जीत जरूर दर्ज करना चाहेगी और इसके लिए वह प्रयासरत भी है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए हर एक युक्ति लगा रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यहां अपनी साख को बीजेपी बचाए रखती है या नहीं. देखना ये भी होगा कि विपक्षी पार्टी के बार बीजेपी के सामने कौन सा तोड़ है.

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