Pilibhit Lok Sabha Chunav 2024: संजय गांधी के निधन के बाद उनकी पत्नी मेनका गांधी ने पीलीभीत लोकसभा सीट को अपनी कर्मभूमि बनाई. साल 1989 में मेनका गांधी खुद इस सीट से चुनाव लड़ीं. इसके बाद इस सीट को बेटे वरुण गांधी की एंट्री हुई.
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Pilibhit Lok Sabha Chunav 2024: पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से गांधी परिवार को चला आ रहा करीब तीन दशक पुराना रिश्ता इस लोकसभा चुनाव में टूट गया. पीलीभीत लोकसभा सीट पर करीब 35 वर्षों से मां-बेटे यानी मेनका गांधी और वरुण गांधी का कब्जा था. इस बार बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर पीलीभीत से गांधी परिवार के रिश्ते पर ब्रेक लगा दिया. बीजेपी ने यहां से यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनया है. जितिन प्रसाद के समर्थन में वोट मांगने के लिए आज 9 अप्रैल को पीएम मोदी खुद चुनाव प्रचार करने आ रहे हैं.
गांधी परिवार को सियासी रिश्ता टूटा
संजय गांधी के निधन के बाद उनकी पत्नी मेनका गांधी ने पीलीभीत लोकसभा सीट को अपनी कर्मभूमि बनाई. साल 1989 में मेनका गांधी खुद इस सीट से चुनाव लड़ीं. इसके बाद इस सीट को बेटे वरुण गांधी की एंट्री हुई. वरुण गांधी साल 2009 और 2019 में यहां से सांसद चुने गए. ऐसे में पीलीभीत से गांधी परिवार का सियासी रिश्ता तीन दशक तक चलता रहा.
बीजेपी ने जितिन प्रसाद पर जताया भरोसा
बीजेपी ने यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. जितिन प्रसाद साल 2004 में कांग्रेस के टिकट से शाहजहांपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद दोबारा साल 2009 में वह कांग्रेस से धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत गए. इसके यूपी में विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए.
सपा ने मजबूत प्रत्याशी उतारा
वहीं जितिन प्रसाद को टक्कर देने के लिए सपा ने इस सीट से पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार को प्रत्याशी बनाया है. भगवत शरण गंगवार पांच बार के विधायक भी रह चुके हैं. इसमें दो बार बीजेपी के टिकट से तो तीन बार सपा के टिकट से विधायक चुने गए. इतना ही नहीं 2003 में सपा शासन काल में वह स्वास्थ्य मंत्री भी रहे.
बसपा ने भी पूर्व मंत्री पर जताया भरोसा
बसपा ने भी चुनाव लड़ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. बसपा ने भी पीलीभीत लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां फूल बाबू पर दांव लगाया है. अनीस अहमद खां को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता शफी अहमद खान बीसलपुर नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रहे. 1989 में पिता के निधन के बाद अनीस अहमद ने सियासी पारी शुरू कर दी. अनीस अहमद बसपा के टिकट से तीन बार विधायक भी चुने जा चुके हैं. साथ ही तीन बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
पीलीभीत में चुनाव कब
बता दें कि पीलीभीत लोकसभा सीट पर पहले चरण यानी 19 अप्रैल को ही मतदान डाले जाएंगे. पीएम मोदी की 9 अप्रैल को बड़ी रैली होने जा रही है.
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