Loksabha Election 2024: बुलंदशहर क्यों है बीजेपी का गढ़, लोकसभा सीट पर 34 साल में सात चुनाव, सिर्फ एक बार हारी
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Loksabha Election 2024: बुलंदशहर क्यों है बीजेपी का गढ़, लोकसभा सीट पर 34 साल में सात चुनाव, सिर्फ एक बार हारी

Loksabha Election 2024:  पीएम मोदी ने बुलंदशहर से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. उनका बुलंदशहर से चुनावी हुंकार भरना कई मायनों में खास है. बुलंदशहर सीट पर 1991 के बाद से बीजेपी का वर्चस्व रहा है. बीजेपी की कोशिश पश्चिमी यूपी की 14 सीटें साधने पर हैं. 

Loksabha Election 2024: बुलंदशहर क्यों है बीजेपी का गढ़, लोकसभा सीट पर 34 साल में सात चुनाव, सिर्फ एक बार हारी

Loksabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुलंदशहर से लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया है. पीएम मोदी ने 19,100  करोड़ की 46 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व की सरकारों पर निशाना साधा. पीएम मोदी का 2014 के बाद एक बार फिर बुलंदशहर से चुनावी हुंकार भरना कई मायनों में खास है. बुलंदशहर सीट पर 1991 के बाद से बीजेपी का वर्चस्व रहा है. बीजेपी की पश्चिमी यूपी की 14 सीटों पर नजर है. 

पीएम मोदी ने पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''आजादी के बाद लंबे समय तक भारत में विकास को सिर्फ कुछ ही क्षेत्र में सीमित रखा गया. देश का बहुत बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रहा। उत्तर प्रदेश पर भी ध्यान नहीं दिया गया जहां देश की सबसे अधिक आबादी बसती थी. यह इसलिए हुआ क्योंकि लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया. जनता को अभाव में रखने का और समाज में बंटवारे का रास्ता उनको सत्ता पाने का सबसे सरल माध्यम लगा. इसकी कीमत उत्तर प्रदेश की अनेक पीढ़ियों ने चुकाई है और देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.''

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कांग्रेस की लहर में जीते थे दो प्रत्‍याशी
बुलंदशहर लोकसभा सीट साल 1952 से 1971 तक की कांग्रेस की तूती बोल रही थी. 1952 में रघुबीर दयाल मिश्रा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. इसके बाद 1957 में कन्हैया लाल वाल्मिकी और 1962 1971 तक सुरेंद्र पाल सिंह कांग्रेस से सांसद रहे. इसके बाद यहां से 1977  से 80 तक जनता पार्टी से महमूद हसन और 1984 में कांग्रेस से सुरेंद्र पाल सिंह सांसद बने. 1989 में जनता दल  के टिकट पर सरवर हुसैन सांसद बने. 

34 साल से बीजेपी का दबदबा
इसके बाद बुलंदशहर सीट की सियासी हवा बदल गई. यहां से लगातार पांच बार से जीत रही कांग्रेस को जनता ने इस बार समर्थन नहीं दिया. क्षत्रपाल सिंह लोढ़ा इस सीट से 1991, 1996, 1998, 1999, लगातार चार बार सांसद बने. इसके बाद 2004 में यहां से कल्याण सिंह बीजेपी के टिकट पर सांसद बने. इसके बाद 2009 में बाजी पलट गई, समाजवादी पार्टी के टिकट पर कमलेश वाल्मिकी ने जीत का परचम लहराया. इसके बाद 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर भोला सिंह सांसद बने. 

हिंदू वोटरों का प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में इस सीट पर वोटरों की संख्या 17 लाख से अधिक हैं. इसमें 9 लाख से अधिक पुरुष और करीब 8 लाख महिला वोटर हैं. बुलंदशहर में करीब 77 फीसदी हिंदू और 22 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती हैं. बुलंदशहर लोकसभा के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा अनूपशहर, बुलंदशहर, डिबाई, शिकारपुर और स्याना विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में इन सभी 5 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है.

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