Kaushambi Lok Sabha seat: कौशांबी संसदीय सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh Raja Bhaiya) की दखल ने BJP नेतृत्व के सामने मुश्किलें पैदा कर दी हैं. हाल ही में राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में खुलकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था.
Trending Photos
मो.गुफरान/प्रयागराज: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बीजेपी से राजा भैया की बढ़ती नजदीकी को देखते हुए कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद सोनकर के भविष्य को लेकर अटकलें लग रही हैं. BJP अगर कौशांबी की सीट (Kaushambi Lok Sabha seat) राजा भैया (Raja Bhaiya) की पार्टी को दे देती है तो विनोद सोनकर का क्या होगा इसको लेकर पार्टी में लगातार मंथन चल रहा है. खबर है कि कौशांबी लोकसभा सीट पर राजा भैया की पार्टी चुनाव लड़ सकती है. राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को बगैर शर्त समर्थन का इनाम राजा भैया को इनाम के रूप में मिल सकता है.
राजा भैया को मिल सकती है कौशांबी सीट
कौशांबी (सु) लोकसभा सीट बीजेपी राजा भैया को दे सकती है. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार प्रत्याशी हो सकते हैं. कौशांबी लोकसभा सीट पर राजा भैया का काफी प्रभाव माना जाता है. प्रतापगढ़ की कुंडा और बाबागंज विधानसभा कौशांबी लोकसभा में आती हैं. कुंडा से राजा भैया खुद विधायक हैं और बाबागंज सीट पर उन्हीं की पार्टी से विनोद सरोज विधायक हैं.
विनोद सोनकर यहां से हो सकते हैं प्रत्याशी
बीजेपी के टिकट पर दो बार कौशांबी से जीतने वाले विनोद सोनकर (Vinod Sonkar) को मछलीशहर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है. जानकारों का कहना है कि राजा भैया के चलते भाजपा नेतृत्व अपना प्रत्याशी बदल सकती है. सबकी नजरें अब भाजपा हाईकमान के फैसले के साथ ही राजा भैया के कदम पर टिकी हुई हैं.
कौशांबी सीट पर दावेदारी
राजा भैया ने भी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से कौशांबी सीट पर अपनी दावेदारी जताई है. बीजेपी के मौजूदा कौशांबी सांसद विनोद सोनकर भी जौनपुर के मछली शहर से चुनाव लडने की तैयारियों में जुटे हैं. हाल ही में राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में खुलकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट किया था.
स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव, इंडिया गठबंधन से चल रही है बात
वोट ट्रांसफर करने वाले दलों की फौज पूर्वांचल में बीजेपी के लिए टर्निंग प्वाइंट, अकेले पड़ गए अखिलेश