Salman Khurshid: खुर्शीद फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है. जिसके बाद कांग्रेस नेता का दर्द छलक पड़ा है.
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Salman Khurshid: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी सभी राजनैतिक दलों की तैयारियां जारी हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी समझौता हो गया है. दोनों ने यूपी में साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इस गठबंधन को लेकर आधिकारिक ऐलान भी हो गया है. इसी बीच कांग्रेस में बगावत के सुर उठने लगे हैं. यह सुर पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की ओर से उठे हैं. दरअसल, खुर्शीद फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है. जिसके बाद कांग्रेस नेता का दर्द छलक पड़ा है.
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि फर्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तिहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तकाबिल का है, आने वाली नस्लों का है. किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं, टूट सकता हूं, झुकुंगा नहीं. तुम साथ देने का वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं.
निर्दलीय लड़ सकते हैं चुनाव
सलमान खुर्शीद ने सपा और कांग्रेस गठबंधन को ना झुकने का संदेश दिया है. सलमान खुर्शीद ने इशारों-इशारों में सपा-कांग्रेस गठबंधन पर टिकट का दबाव बनाया है. सलमान खुर्शीद के ट्वीट के बाद फर्रुखाबाद को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सलमान खुर्शीद के बगावती तेवर को देखते हुए यह भी चर्चा तेज हो गई है कि सलमान इस सीट से निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं. बता दें कि सपा ने यहां से डॉ. नवल किशोर शाक्य को टिकट दिया है.
कांग्रेस को कौन सी सीटें मिल सकती हैं?
यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. सपा 62, कांग्रेस 17 और आजाद समाज पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ सकती है. सपा के साथ गठबंधन करने पर कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया सहित 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी.
सूत्रों की मुताबिक, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इस बार बलिया से चुनाव लड़ना चाहते थे. इस सीट पर मुस्लिम और भूमिहार फैक्टर काफी कारगर साबित होता है. वहीं, सपा का साथ मिलने पर कांग्रेस नेताओं को यहां जीत की उम्मीद थी. हालांकि, बलिया की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाएगी. कांग्रेस को मुरादाबाद सीट मिलने की भी उम्मीद नहीं है.