UP Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले सपा को लग सकता है बड़ा झटका. समाजवादी पार्टी पार्टी के एक दिग्गज नेता के कांग्रेस में जल्द शामिल होने की चर्चा है. जानें कांग्रेस के नेताओं ने सपा के किस नेता से की अस्पताल सीक्रेट मीटिंग?....
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Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेता सियासी संभावनाएं तलाश रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुंवर रेवती रमण सिंह कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. अस्वस्थ्य रेवती रमण सिंह से अस्पताल में ही कांग्रेस नेताओं ने की मुलाकात. यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पाण्डेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने रेवती रमण सिंह से की मुलाकात. रेवती रमण सिंह ने बेटे उज्जवल रमण सिंह के साथ कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई है.
सूत्रों के मुताबिक कुंवर रेवती रमण सिंह किसी भी समय कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही रेवती रमण सिंह अपने बेटे उज्जवल रमण सिंह और समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे. इलाहाबाद संसदीय सीट से रेवती रमण सिंह कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भी हो सकतें हैं. औपचारिक तौर पर अगले सप्ताह कांग्रेस में रेवती रमण सिंह के शामिल होने की घोषणा हो सकती है.
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राहुल गांधी से कर चुके हैं मुलाकात
कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने दिल्ली स्थित आवास पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि रेवती रमण सिंह ने बेटे उज्जवल रमण सिंह के साथ कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जताई है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कुंवर रेवती रमण सिंह को कांग्रेस में शामिल कराने का आश्वासन दिया है. माना जा रहा है कि जल्द ही रेवती रमण सिंह अपने बेटे उज्जवल रमण सिंह और समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे. राहुल गांधी से रेवती रमण सिंह की मुलाकात में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई है. रेवती रमण सिंह की गिनती सपा के वरिष्ठ नेताओं में होती है. वह सपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहें हैं. वह आठ बार के विधायक और दो बार सपा के टिकट पर इलाहाबाद सीट से सांसद रह चुके हैं. एक बार सपा ने कुंवर रेवती रमण सिंह को राज्यसभा भी भेजा था.
हालांकि खबरें है कि पिछले काफी समय से रेवती रमण सिंह अखिलेश यादव से नाराज़ चल रहे हैं. अखिलेश यादव पर उन्होंने अपनी उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है. सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते इलाहाबाद संसदीय सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है. रेवती रमण सिंह ने अखिलेश यादव पर जानबूझकर इलाहाबाद सीट कांग्रेस को देने का आरोप लगाया था.