लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब ओपीडी और भर्ती मरीजों को कोराना जांच के लिए फीस जमा करनी होगी. जानकारी के मुताबिक सिर्फ 9 कैटेगरी में आने वाले मरीजों को कोविड टेस्टिंग की फीस में छूट दी जाएगी. KGMU प्रशासन ने जांच की कीमतें भी तय कर दी हैं. इसके लिए प्रशासन ने 31 दिसंबर 2020 को आदेश जारी किया था. सोमवार से यह दरें लागू हो जाएंगी. बता दें, इमरजेंसी में आने वाले मरीज, उसके एक तीमारदार और कोरोना मरीजों की जांच फ्री होगी.


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हर दिन आते हैं ढाई हजार मरीज
जानकारी के मुताबिक, रोजाना अलग-अलग विभागों में करीब ढाई हजार मरीज आते हैं. मेडिसिन, हड्डी, कॉर्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, सर्जरी, रेस्पिरेटरी, क्वीनमेरी समेत अन्य विभागों में सभी मरीजों की कोरोना जांच अभी तक फ्री थी. लेकिन अब सोमवार 4 जनवरी से ओपीडी में आने वाले मरीजों की कोरोना जांच पर शुल्क लगेगा.


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यह होंगी जांच दरें
ट्रूनेट की जांच कराने वाले को 1500 रुपये देने होंगे.
वहीं, RT-PCR कराने वालों के लिए शुल्क 600 रुपये होगा.
एक तीमारदार की जांच के लिए 300 रुपये देने होंगे.
लेकिन अगर मरीज के साथ दूसरा तीमारदार भी आता है तो उसे 600 रुपये जमा करने होंगे.
डायलिसिस, कैंसर मरीजों और उनके तीमारदारों की  RT-PCR जांच 300 रुपये में की जाएगी.
एक हफ्ते के अंदर दोबारा जांच कराने वाले डायलिसिस और कैंसर मरीज के साथ उनके एक तीमारदार की जांच में छूट का प्रावधान है. अब इनका टेस्ट 300 रुपये में होगा.


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इनकी होगी मुफ्त में जांच
प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जो नि:शुल्क जांच की कैटगरी में आते हैं, उन्हें भी जीरो बिल की रसीद कटानी होगी. इसके बाद ही कोरोना जांच की जाएगी. मुफ्त जांच की कैटेगरी में आएंगे ये-  
1. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और उनका एक तीमारदार
2. फीवर क्लीनिक में आने वाले मरीज
3. डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाएं
4. कीमोथेरेपी के लिए आने वाले कैंसर मरीज
5. ऑपरेशन वाले मरीजों के तीमारदार
6. थैलेसीमिया-हीमोफीलिया के मरीज और परिजन
7 विश्वविद्यालय की सभी फैकल्टी-कर्मचारी और उनके परिजन
8. इमरजेंसी स्थिति में दूसरे मेडिकल कॉलेज, संस्थान के प्रिंसिपल और डाइरेक्टर की जांच
9.  जिन मेडिकल कॉलेज और संस्थानों में RT-PCR की सुविधा नहीं है, उनके कोविड असपताल में भर्ती मरीजों की जांच यहां मुफ्त होगी.


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