कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शहरों के बाद अब गांवों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं हैं.
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लखनऊ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शहरों के बाद अब गांवों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं हैं. नदियों में उतराती और रेती में दफनाई जा रही लाशें खुद सबकुछ बयां कर रही हैं. गांवों में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की व्यवस्था न होने से हालात खराब होते जा रहे हैं. राज्य सरकार और प्रशासन की नींद देर से ही सही लेकिन खुली है.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने गांवों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर कई सकारात्मक कदम उठाए हैं. ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को L1+ कोविड अस्पताल में तब्दील करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है. सभी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स पर 50 बेड की व्यवस्था होगी. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा मिलेगी और 24 घंटे डॉक्टर मौजूद रहेंगे.
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गांवों में फैले कोरोना संक्रमण को रोकने की पहल
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद विभाग तैयारियों में जुट गए हैं. राज्य सरकार ने 17000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का ऑर्डर दिया है. इससे पहले 'टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट' की नीति के तहत राज्य सरकार ने एक हफ्ते का अभियान चलाया था. इसमें 92000 से अधिक गांवों को कवर किया गया. कोविड लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उनका रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुआ और कोरोना किट उपलब्ध कराया गया.
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लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में चेतक टीमें रवाना
इधर राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में फैले कोविड संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने चेतक टीमों का गठन किया है. ये टीमें गांवों के लिए बाइक से रवाना की गई हैं. चेतक टीमें गांवों में घर-घर पहुंचकर कोरोना के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित करेंगी, उनका रैपिड एंटीजेन टेस्ट कर कोरोना किट उपलब्ध कराएंगी. साथ ही लोगों को कोरोना और इसके टीकाकरण को लेकर जागरूक करेंगी.
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