लखनऊ: अब जो लोग नशा करके काम पर आते हैं उनकी खैर नहीं है. आने वाले दिनों में एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की ब्रेथ एनालाइजर से नशे की जांच की जाएगी. इसमें ग्राउंड से लेकर केबिन क्रू और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एसीटी) के कर्मचारी शामिल होंगे. इस संबंध में डीजीएस (DGCA) की ओर से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. ब्रेथ एनालाइजर के लिए 16.42 लाख रुपये की मशीने खरीदी जा रही हैं.


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रैंडम आधार पर किए जाएंगे टेस्ट
अगर एयरपोर्ट के कर्मचारी इस टेस्ट में नशे में पाए गए तो उनकी नौकर पर खतरा हो सकता है. ये टेस्ट रैंडम आधार पर किए जाएंगे. इन टेस्टों पर सीसीटीवी (CCTV) के जरिए निगरानी रखी जाएगी. इसमें पांच फीसदी कर्मचारी विमान के कॉकपिट के होंगे जिनका रैंडम चेक किया जाएगा. मेन्टेनेंस और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के कर्मचारियों का भी टेस्ट रोजाना होगा.


पिछले साल भी लाया गया था ये नियम, कर्मचारियों ने किया था विरोध
ये नियम पिछले साल भी लाया जा चुका है, उस समय कोरोना वायरस के चलते एसीटी (ACT)  के कर्मचारियों ने इसका  विरोध किया था. कर्मचारियों के मुताबिक ब्रेथ एनलाइजर मशीन को मुंह में लगाकर तेजी से सांस को छोड़ना होता है. एक ही मशीन को कई  लोगों के मुंह में लगाकर टेस्ट करने से उनमें कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा है. उस समय देश के अन्य एयरपोर्ट पर भी कर्मचारियों ने विरोध किया था. इस  विरोध के चलते डीजीसीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपना फैसला वापस लिया था.


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