बताया जा रहा है कि आरोपी अरुण के परिवार वालों और कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को चप्पलों से मारने की कोशिश में चप्पलें भी निकाल ली थीं. इतना ही नहीं, लोगों ने दारोगा सुधाकर पाण्डेय और सिपाही के साथ बद्तमीजी करते हुए उनका फोन छीन लिया.
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लखनऊ: बीते बुधवार लखनऊ की महानगर पुलिस पर आरोप लगा था कि जेवर चोरी के शक में पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर अरुण निषाद को थर्ड डिग्री दिया था, जिससे वह चौकी में ही बेहोश हो गया था. वहीं, चौकी के बाहर अरुण के परिजनों और कई लोगों ने हंगामा खड़ा करते हुए उपद्रव किया. इस मामले में जांच करते हुए चौकी प्रभारी सुधाकर पाण्डेय और सिपाही को हटा दिया गया है. वहीं, बवाल करने वाले करीब 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसके बाद से, पुलिस ने जांच शुरू कर उपद्रवियों का पता लगाना शुरू कर दिया है. साथ ही, माहौल में तनाव देखते हुए पुलिस फोर्स भी तैनात की गई है.
अरुण के मालिक ने पुलिस में दर्ज की थी शिकायत
दरअसल, बीते दिन मिली जानकारी के मुताबिक, मेट्रो अपार्टमेंट में रहने वाले बलवीर सहाय ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके घर से जेवर का एक बॉक्स चोरी हो गया है और उन्हें अपने ड्राइवर अरुण निषाद पर चोरी का शक है. इसके बाद पूछताछ के लिए अरुण को थाने लाया गया था. फिर कुछ समय बाद चौकी ले जाया गया. थोड़ी देर बाद खबर मिली कि अरुण चौकी में बेहोश हो गया है. इस सूचना पर उसके परिजनों और लोकल लोगों ने मिलकर चौकी में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी और सड़क पर भी जाम लगा दिया. इस दौरान पुलिस ने भी कुछ युवकों और महिलाओं पर हमला बोल दिया.
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दारोगा और सिपाही का फोन छीना गया
बताया जा रहा है कि आरोपी अरुण के परिवार वालों और कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को चप्पलों से मारने की कोशिश में चप्पलें भी निकाल ली थीं. इतना ही नहीं, लोगों ने दारोगा सुधाकर पाण्डेय और सिपाही के साथ बद्तमीजी करते हुए उनका फोन छीन लिया. यही वजह रही कि इन अपद्रवियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, तोड़फोड़ करने और बवाल करने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
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एसीपी ने लिया जांच का जिम्मा
वहीं चौकी में आरोपी अरुण के बेहोश होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीते दिन तक उसकी हालत नाजुक बताई जा रही थी, लेकिन अब डॉक्टर्स का कहना है कि वह पहले से बेहतर है. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि अरुण को थर्ड डिग्री दिया गया है. आरोपों के बाद महानगर एसीपी ने जांच का जिम्मा लिया था. इसके अलावा, दारोगा सुधाकर पाण्डेय ने भी कई आरोप लगाए हैं, जिनको रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा. वहीं, जांच पूरी होने तक दारोगा और सिपाही को मेट्रो चौकी से हटाकर महानगर कोतवाली भेज दिया गया है. अब एसीपी की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.
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