जेवर से भरा बॉक्स की चोरी के शक में ड्राइवर की प‍िटाई, पुल‍िस पर थर्ड ड‍िग्री देने का आरोप
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जेवर से भरा बॉक्स की चोरी के शक में ड्राइवर की प‍िटाई, पुल‍िस पर थर्ड ड‍िग्री देने का आरोप

अरुण के पिता रामचंद्र निषाद का आरोप है कि शाम को दारोगा सुधाकर पांडेय और सिपाही नितिन उनके घर पहुंचे. बेटे से पूछताछ की बात कहकर उसे ले गए. पहले थाने में ले जाकर जमकर पीटा.

जेवर से भरा बॉक्स की चोरी के शक में ड्राइवर की प‍िटाई, पुल‍िस पर थर्ड ड‍िग्री देने का आरोप

मयूर शुक्ला/लखनऊ: लखनऊ की महानगर पुलिस पर एक गंभीर आरोप लगाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि बुधवार शाम चोरी के आरोप में पुलिस एक युवक को थाने ले गई और जमकर पीटा. इसके बाद चौकी ले गए और वहां भी पिटाई की. इस दौरान युवक बेहोश होकर गिर पड़ा. हालत बिगड़ती देख पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए. इस बीच आरोपित के घर और मोहल्ले वालों ने चौकी में जमकर हंगामा कर दिया. लोगों ने पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया है. फिलहाल, युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर्स ने उसकी हालत गंभीर बताई है. 

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पूछताछ की बात कहकर अरुण को ले गए थाने
बता दें, आरोपित अरुण मेट्रो सिटी निवासी बलवीर सहाय का ड्राइवर है. पिछले महीने राम सहाय और उनकी पत्नी कोविड संक्रमित हो गए थे. ऐसे में पत्नी की मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले बलवीर के अमेरिका में रहने वाले बेटे और बहू आए. इस दौरान घर से ज्वेलरी का एक बॉक्स चोरी हो गया. चौकी प्रभारी को बलवीर ने तहरीर दी और आशंका अरुण पर जाहिर की. अरुण के पिता रामचंद्र निषाद का आरोप है कि शाम को दारोगा सुधाकर पांडेय और सिपाही नितिन उनके घर पहुंचे. बेटे से पूछताछ की बात कहकर उसे ले गए. पहले थाने में ले जाकर जमकर पीटा. उसके बाद चौकी लेकर पहुंचे. वहां बंधक बना लिया और पिटाई की. परिजनों का आरोप है कि अरुण पर थर्ड-डिग्री का प्रयोग किया गया है, जिससे वह बेहोश हो गया.

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बहुत देर तक घर नहीं आया अरुण तो भाई लेने पहुंचा
काफी देर तक जब बेटा घर न लौटा तो उसका भाई विकास चौकी पहुंचा. वहां पर उसने अरुण की चीख-पुकार सुनी. जब उसने झांक कर अंदर देखा तो एकाएक अरुण गिर गया. विकास ने घर आकर अपने परिजनों को सूचना दी तो बेटे की मां दुक्खन व अन्य परिवारजन चोकी पहुंचे और विरोध किया. परिजनों का कहना है कि विरोध करने पर पुलिस ने उन्हें धमकी भी दी.

धरने पर बैठ गईं अरुण के घर की महिलाएं
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अरुण के घरवालों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने सड़क भी जाम कर दी और महिलाएं सड़क पर बैठ गईं. पुलिस से धक्का-मुक्की हुई. बवाल की सूचना पर एडीसीपी प्राची सिंह, सीओ और इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह पहुंचे. हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया, पर हालात बेकाबू हो चुके थे. परिजन आनन-फानन पुलिस के चंगुल से छुड़ाकर अरुण को अस्पताल ले गए. 

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निराधार है अरुण पर थर्ड डिग्री की बात
इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि चोरी के आरोप में अरुण को पूछताछ के लिए लाया गया था. पुलिसकर्मी उससे पूछताछ कर रहे थे, तभी एकाएक अरुण बेहोश हो गया. उसके ऊपर थर्ड डिग्री का प्रयोग करने की बात निराधार है.

पुलिस पर नहीं भरोसा, हम खुद अस्पताल ले जाएंगे
जब अरुण की हालत बिगड़ गई, तो इंस्पेक्टर और पुलिसकर्मी उसे अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जा रहे थे. इस पर अरुण के पिता रामचंद्र ने विरोध किया और कहा कि अब पुलिस पर भरोसा नहीं है, हम खुद बेटे को अस्पताल ले जाएंगे. इसके बाद उसे छोड़ दिया गया. 

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