मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बार फिर दहेज प्रथा पूरी तरह से बंद करने की अपील की है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादियों में दहेज देने के बजाय लड़कियों को प्रॉपर्टी में उनका हक देने की अपील की है.
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Lucknow News : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बार फिर दहेज प्रथा पूरी तरह से बंद करने की अपील की है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादियों में दहेज देने के बजाय लड़कियों को प्रॉपर्टी में उनका हक देने की अपील की है. यह अपील मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने की है.
बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार को बैठक की. इसमें महिलाओं के अधिकारों समेत कई अहम मसलों पर चर्चा की गई. बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने देशभर के मुसलमानों से अपील की है कि वह शादियों में बेटियों को भले ही दहेज न दें, लेकिन उन्हें प्रॉपर्टी में उनका हक जरूर दें.
दहेज गैर इस्लामिक
बता दें कि इस्लाम में दहेज लेना और देना दोनों पर पाबंदी है. बावजूद भारत में मुस्लिम शादियों में दहेज का चलन बढ़ा है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दहेज को गैर इस्लामिक करार दिया है. यही वजह है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दहेज प्रथा बंद करने की अपील की है.
महंगी शादियों का चलन बढ़ा
गौरतलब है कि आम तौर पर दहेज को लेकर सैकड़ों मामले महिलाओं के उत्पीड़न के रोज सामने आते रहते हैं. दहेज को लेकर सख्त कानून के बावजूद भी कई मामलों में महिलाओं की हत्या तक कर दी जाती है और कई मामलों में महिलाएं खुदकुशी तक कर लेती हैं. इसके अलावा जो गरीब परिवार की लड़कियां होती हैं उनके निकाह में भी महंगी शादियों के चलन और दहेज के लेनदेन को लेकर रुकावटें पैदा होती हैं.
मुस्लिम महिलाओं ने किया स्वागत
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की दहेज के खिलाफ इस मुहिम का मुस्लिम महिलाओं ने भी स्वागत किया है. उनका कहना है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के इस कदम से उन्हें फायदा होगा. मुस्लिम समाज में बेटियों को दहेज न देकर जायदाद में शरीयत के मुताबिक बताए गए हिस्से को देना एक मुनासिब और बेहतरीन कदम होगा. इससे दहेज के नाम पर जो महिलाओं का उत्पीड़न होता है उस पर रोक लग सकेगी.