Lucknow news: 'मन की बात' के 112वें एपिसो़ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत के 'बाघ मित्र कार्यक्रम' की चर्चा और तारीफ की. पीलीभीत में पहले आए दिन मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं होती थीं....
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लखनऊ: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से 'मन की बात' की. सोमवार को विश्व बाघ दिवस है. इसके पहले रविवार को 'मन की बात' के 112वें एपिसो़ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत के 'बाघ मित्र कार्यक्रम' की चर्चा और तारीफ की. पीलीभीत में पहले आए दिन मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं होती थीं. इस पर काफी हद तक अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 2019 में पीलीभीत में 'बाघ मित्र कार्यक्रम' शुरू किया गया. वहीं पिछले साल अक्टूबर 2023 में सीएम योगी ने पीलीभीत में ही 'बाघ मित्र ऐप' का शुभारंभ किया था. आज के समय पीलीभीत में 120 से ज्यादा बाघ मित्र बनाए जा चुके हैं. इनमें चार महिलाओं समेत कई युवा, बुजुर्ग भी शामिल हैं. इस पर तत्काल वन विभाग की टीम मुश्तैद होकर बाघ की लोकेशन लेते हुए आमजन की सुरक्षा में जुट जाती है.
2019 में शुरू हुआ बाघ मित्र कार्यक्रम, 2023 में सीएम योगी ने की ऐप की लॉचिंग
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि पहले पीलीभीत में आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष की अप्रिय घटनाएं होती थीं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 2019 में पीलीभीत में बाघ मित्र कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था. इसका उद्देश्य ऐसी अप्रिय घटनाओं पर अंकुश लगाना था. यह कार्यक्रम काफी प्रभावी रहा. इसके बाद 2023 अक्टूबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत पहुंचकर बाघ मित्र ऐप की लॉचिंग भी की.
आठ वर्ष में पीलीभीत में तीन गुना बढ़े टाइगर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की स्थापना 2014 में की गई थी. उस समय यहां 24 टाइगर थे. प्रदेश सरकार के निर्देश पर टाइगर के संरक्षण व संवर्धन पर कार्यक्रम शुरू किए गए. 2022 में पीलीभीत में टाइगर की गणना की गई थी. महज 8 सालों में यहां तीन गुना बाघ बढ़ गए. उस समय हुई गणना के मुताबिक अभी भी यहां 72 बाघ हैं. सरकार के सार्थक प्रयास के परिणाम भी दिखे हैं.
पीलीभीत में अब तक 120 बाघ मित्र जुड़े
प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि बाघ मित्रों का व्हाट्सग्रुप बनाया गया है. इसमें 120 बाघ मित्र जुड़े हैं. यह आसपास के गांवों के रहने वाले लोग हैं. इन्हें वॉलंटियर्स के रूप में जोड़ा गया है. इसमें चार महिलाएं समेत अन्य युवा, बुजुर्ग भी शामिल हैं. बाघ मित्र होने के लिए आयु 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. बाघ मित्र के बारे में श्री सिंह ने बताया कि जंगल की समीप के पांच कमी दूर के गांवों के ग्रामीणों को बाघ मित्र बनाया गया. उन्हें वन विभाग की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया. बताया गया कि जंगल से बाहर बाघ या कोई अन्य जानवर दिखे तो तुरंत बाघ मित्र ग्रुप में इसकी सूचना दें, साथ ही फोन कर विभाग को भी जानकारी दें. इससे विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तत्काल अलर्ट हो जाते हैं और टीम को रवाना कर देते हैं. वहीं बाघ मित्र ऐप में जानवर की फोटो खींचकर ग्रामीण अपडेट कर सकते हैं. इससे लोकेशन भी मिल जाती है कि जंगल से बाघ की दूरी कितनी है. यदि बाघ खेत के पास है तो पहले मॉनीटरिंग टीम भेजते हैं. बाघ मित्र कार्यक्रम निरंतर चलाकर लोगों को सजग, सुरक्षित रखते हैं.
पीएम से मिली सराहना बाघ मित्रों में नवीन उत्साह का संचार करेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में रविवार को 'बाघ मित्र कार्यक्रम' की सराहना की. इस पर मुख्यमंत्री ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में जनपद पीलीभीत में संचालित 'बाघ मित्र कार्यक्रम' का विशेष उल्लेख किया है. इस कार्यक्रम में उनके द्वारा 'बाघ मित्र कार्यक्रम' पहल की सराहना निश्चित रूप से सभी बाघ मित्रों में नवीन उत्साह और ऊर्जा का संचार करेगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्वास दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हम प्रतिबद्ध हैं.
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