घोटाले के आरोपों पर राम मंदिर ट्रस्ट ने बताया, 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में क्यों मिली
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घोटाले के आरोपों पर राम मंदिर ट्रस्ट ने बताया, 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में क्यों मिली

सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा होने के बाद अयोध्या में जमीन के रेट बेतहाशा बढ़ गए हैं. बड़े बिजनेसमैन अयोध्या में इंवेस्टमेंट में रुचि दिखा रहे हैं. इसलिए जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं.

सांकेतिक तस्वीर.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद में घोटाले के आरोपों पर चंपत राय ने पलटवार किया है. उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है. चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. चंपय राय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं. 

ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में क्यों खरीदी?
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राय, सपा और कांग्रेस द्वारा घोटाले का आरोप लगाए जाने के बाद चंयप राय ने रविवार रात एक प्रेस रिलीज जारी कर राम मंदिर ट्रस्ट का पक्ष रखा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने करीब 10 साल पहले ही बाग बिजेसर की जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक से खरीद ली थी.

तब के हिसाब से इस जमीन का रेट 2 करोड़ तय कर लिया था. इसकी रजिस्ट्री भी करा ली थी. जब ट्रस्ट ने इस जमीन को खरीदने की इच्छा जताई तो सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने पाठक परिवार से इस जमीन का बैनामा तय रेट पर 18 मार्च 2021 को कराया. फिर उसे वर्तमान रेट के हिसाब से मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बेचा. इसमें कहीं से कोई घोटाला या हेराफेरी नहीं है. यह राजनीतिक विद्वेष के तहत लगाए गए बेबुनियाद आरोप हैं.

राम मंदिर परिसर के आसपास की जमीनें खरीद रहा ट्रस्ट
राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को केंद्र सरकार की तरफ से 70 एकड़ जमीन मिली थी. इस जमीन को केंद्र सरकार ने अधिग्रहित किया था. ट्रस्ट ने राम मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया, जिसके लिए 38 एकड़ अतिरिक्त जमीन चाहिए. इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर के आसपास की जमीनें खरीदी जा रही हैं. 

राम मंदिर परिसर पहले 3 एकड़ में बनना था, जिसे अब 5 एकड़ में बनाया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर परिसर के पास स्थित दो मंदिरों को जमीन सहित 4-4 करोड़ रुपए में खरीदा है. जिन लोगों से जमीनें खरीदी जा रही हैं, उन्हें दूसरी जगह स्थापित भी कराया जा रहा है. कोर्ट फीस और स्टाम्प पेपर की खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है.

अयोध्या में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा होने के बाद अयोध्या में जमीन के रेट बेतहाशा बढ़ गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार भी अयोध्या को एक मॉडल रिलिजियस टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करने का काम कर रही है. इसलिए बड़े बिजनेसमैन अयोध्या में इंवेस्टमेंट में रुचि दिखा रहे हैं. इसलिए जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं.

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