लखनऊ: लखनऊ में पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर से 2 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले में आखिरकार STF को सफलता मिली है. मामले में STF की टीम ने एक महिला समेत 3 शातिरों को गिरफ्तार किया गया है. डिजिटल अरेस्टिंग करने वाले गिरोह का आखिरकार पर्दाफाश हो गया है. दरअसल, कुछ समय पहले ही SGPGI की डॉक्टर से इस गिरोह ने फर्जी सीबीआई ऑफिसर बनकर करीब 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया और 2 करोड़ की ठगी की थी. 


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बनते थे फर्जी अधिकारी बनते थे
अब आखिरकार STF ने ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. हरिप्रिया प्रधान,जितेंद्र यादव, ज्ञानचंद्र की गिरफ्तारी की गई है. ये सभी आरोपी कभी ED तो कभी CBI अधिकारी बनते थे और फिर ठगी करते थे. अब ये सभी STF के हत्थे चढ़ चुके हैं. इन सभी के बैंक खाते समेत वॉलेट की जानकारी STF द्वारा जुटाई जा रही है.


नया फोन और करोड़ों हुए ट्रांसफर 
STF की टीम ने फिलहाल गिरोह के तीनों सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तारकर स्थानीय थाने के हवाले कर दिया है. पीजीआई की डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग के साथ ही  नेशनल सिक्योरिटी का डर दिखाकर इन ठगों ने एक नया फोन खरीदने तक को मजबूर किया था जिसके जिसके जरिए करोड़ों रुपये सरकारी खाता बताकर इन ठगों ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवाया था.


पढ़े लिखे ठग 
लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए ये साइबर अपराधी ऐसी कहानियां बुनते कि सामने वाला खौफ से भर जाता था. इन्हें पढ़ा लिखा समझकर लोग फंस जाते थे. पिछले महीने अगस्त में जब लखनऊ में इन लोगों ने ठगी की तो मामाला देखते देखते तूल पकड़ने लगा. यहां पीजीआई की डॉक्टर से इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग और नेशनल सिक्योरिटी का डर दिखाकर करोड़ों ऐंठ लिए और तो और उन्हें डिजिटल अरेस्ट भी किया.


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