Teachers Day Special: गुलाब देवी जिन्होंने UP में BJP के सभी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में काम किया है. 2022 में पांचवी बार चुनाव जीतीं ौर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनी. माध्यमिक शिक्षा मंत्री देवी के शिक्षिका से शिक्षा मंत्री बनने का सफर आसान नहीं रहा है. सादगी और मेहनत गुलाब देवी की पहचान है. शिक्षिका से शिक्षामंत्री बनने का सफर आसान नहीं रहा है.
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Teachers Day Special: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में गुलाब देवी माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं जिनके बारे में शिक्षक दिवस पर बात करना आवश्यक हो जाता है जिससे कि हम उनके जीवन से कुछ सीख ले सकें. 2022 में भी लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतकर गुलाब देवी योगी मंत्रिमंडल की सबसे सीनियर महिला राज्यमंत्री बनी. 1 जून 1955 को जन्मीं गुलाब देवी शिक्षक से विधायक और फिर विधायक से राज्यमंत्री का हासिल किया. उनका ये सफर इतना भी आसान नहीं रहा.
पांचवीं जीत पर बनाई गई राज्यमंत्री
गुलाब देवी संभल की चंदौसी सीट से जीत दर्ज करती रही हैं. चंदौसी के ही कन्या इंटर कॉलेज में राजनीति विज्ञान की शिक्षिका और फिर इसी स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. साल 1991 में उन्होंने पहली दफा संभल की चंदौसी सीट से चुनाव लड़कर जीती. इसका बाद उनकी इस सीट से साल 1996, 2002, 2017 व 2022 में भी जीत हुई. 2008 से 2012 के बीच उनको यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष का पद दिया गया. खादी की साड़ी में दिखने वाली गुलाब देवी अपनी सादगी और मेहनत के लिए जानी जाती है जिन्होंने प्रदेश में बीजेपी के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है. गुलाब देवी कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त के साथ ही राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में रह चुकी हैं. योगी सरकार 1.0 में राज्य मंत्री रहीं गुलाब देवी की पांचवीं जीत पर उनको राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिया गया. पिछली योगी सरकार में भी उन्हें मंत्री पद दिया गया था.
सफर नहीं था आसान
अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाली गुलाब देवी का जीवन प्रेरणादाई है क्योंकि शिक्षिका से शिक्षा मंत्री का संभालने में उन्हें परिश्रम भी बहुत करना पड़ा है. उनके पिता बाबू राम कपड़ों को प्रेस करने का काम किया करते थे. इतना ही नहीं उनके विधायक और मंत्री बनने के बाद भी पिताजी ने अपना काम नहीं छोड़ा, वो इसे पुश्तैनी पेशा मानकर करते रहे. पिता के निधन के बाद उनको मुखाग्नि गुलाब देवी ने ही दी. शुगर मिल में गुलाब देवी के पति राम पाल सिंह काम करते थे. रिटायर होने के बाद राजनीति में पत्नी की सहायता करने लगे. गुलाब देवी की तीन बेटियां हैं और तीनों राजनीति में एक्टिव हैं.
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