UP Assembly Elections 2022: पिछड़ों को साधने में जुटी BJP, सितंबर-अक्टूबर में करेगी ओबीसी सम्मेलन
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UP Assembly Elections 2022: पिछड़ों को साधने में जुटी BJP, सितंबर-अक्टूबर में करेगी ओबीसी सम्मेलन

 प्रदेश भर में सितंबर और अक्टूबर में भारतीय जनता पार्टी एक बड़े स्तर पर ओबीसी सम्मेलन करने जा रही है. जिससे कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से पिछड़ों की राजनीति कर बीजेपी सत्ता पर फिर से काबिज हो सके. 

फाइल फोटो.

शुभम पांडेय/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पिछड़ों को एकजुट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद प्रदेश भर में सितंबर और अक्टूबर में भारतीय जनता पार्टी एक बड़े स्तर पर ओबीसी सम्मेलन करने जा रही है. जिससे कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से पिछड़ों की राजनीति कर बीजेपी सत्ता पर फिर से काबिज हो सके. 

जातीय समीकरण साधने में जुटे राजनीतिक दल 
सभी राजनीतिक दल 2022 विधानसभा चुनाव में अपनी अपनी जाति समीकरण के आधार पर रणनीति बना रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव में 350 सीटों से अधिक सीटों पर जीत और 50% से अधिक वोट बैंक अपने पक्ष में करने के हौसले के साथ भारतीय जनता पार्टी सितंबर व अक्टूबर के माह में ओबीसी सम्मेलन करने जा रही है.  इस सम्मेलन के साथ प्रदेश में पिछड़ी व अति पिछड़ी जातियों को एकजुट करने का काम किया जाएगा.

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2019 के लोकसभा चुनाव में पिछड़ी जातियों के सम्मेलन से बीजेपी को हुआ था फायदा 
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अगुवाई में यह सम्मेलन कराया जाएगा. 2017 विधानसभा चुनाव के बाद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा ने 2018 में करीब 1 से डेढ़ महीने तक पिछड़ी जनजाति, पिछड़ी जातियों के सम्मेलन किए थे. जिनमें मौर्य, कुशवाहा ,कुर्मी ,यादव ,निषाद समेत कई पिछड़ी जातियों को शामिल कर यह सम्मेलन लगभग डेढ़ महीने तक लगातार कराए गए थे. जिसका परिणाम था कि 2019 में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाई थी. 

2022 विधानसभा चुनाव में दोबारा इसी फॉर्मूले के प्रयोग के मूड में बीजेपी
इसी फॉर्मूले को एक बार फिर से 2022 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रयोग करने के मूड में हैं. इसके बाद सितंबर अक्टूबर में ओबीसी सम्मेलन कराए जाएंगे. उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से बातचीत में उन्होंने बताया कि बीजेपी संगठन के माध्यम से भी जो संरचना है, उसमें भी पिछला वर्ग मोर्चा बना हुआ है. उसमें भी और संवैधानिक व्यवस्था है, उसके अनुसार भी दो बार निर्धारण किया गया है सामान्य वर्ग अनुसूचित जनजाति वर्ग और पिछड़ा वर्ग एक व्यवस्था के अंतर्गत बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग और वह भारतीय जनता पार्टी से दिल से जुड़ा हुआ है. हर मोर्चे के सम्मेलन इसी प्रकार से किए जाएंगे. 

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सपा-कांग्रेस हुईं बीजेपी पर हमलावर 
2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग के सम्मेलनों का ऐलान कर दिया. जिसके बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों ही भाजपा पर हमलावर है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह का कहना है की स्वतंत्र देव सिंह केशव प्रसाद मौर्य यह दोनों स्टूल नेता हैं. तो वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता दीपक सिंह ने कहा कि सरकार चुनाव आता है तो सरकार को जातियां याद आती हैं, धर्म याद आता है. सरकार बेरोजगारी हटाने, भ्रष्टाचार मिटाने, महंगाई को कम करने के साथ किसानों की आय दोगुनी करने को पूरा करके सम्मेलन करते तो बेहतर था. 

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