BEd vs BTC: अब प्राथमिक ग्रेड यानि कि कक्षा 5वीं तक बीएड वाले टीचर नहीं बन पाएंगे. शीर्ष कोर्ट ने राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि केवल डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.EI.Ed) सर्टिफिकेट धारक ही प्राइमरी ग्रेड टीचर बनने के पात्र होंगे.
Trending Photos
मनोज चतुर्वेदी/बलिया : प्राइमरी स्कूल के टीचर के लिए BEd योग्यता रखने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जहां बलिया में BEd कर चुके छात्रों में नाराजगी है तो वहीं बीटीसी कर चुके अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है. BEd करके प्राइमरी स्कूल टीचर बनने का ख्वाब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाप्त हो चुका है. ऐसे में BEd धारकों का कहना है की किसी भी परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों पर रोक लगाना सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट और सरकार को BEd धारकों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. वहीं बीटीसी धारकों का कहना है की देश में BEd धारकों की संख्या बहुत ज्यादा है , लिहाजा बीटीसी की योग्यता रखने वालों ने मजबूर होकर कोर्ट में जाने का फैसला किया था. राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति का बीटीसी धारक स्वागत करते हैं.
अब प्राथमिक ग्रेड यानि कि कक्षा 5वीं तक बीएड वाले टीचर नहीं बन पाएंगे. यानि अब 5वीं तक पढ़ाने के लिए सिर्फ डीएलएड छात्रों को ही अवसर दिया जाएगा. इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल शीर्ष कोर्ट ने राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि केवल डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.EI.Ed) सर्टिफिकेट धारक ही प्राइमरी ग्रेड टीचर बनने के पात्र होंगे. शीर्ष अदालत के इस निर्णय को बीएड स्टूडेंट्स के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
यह भी पढ़ें: Lakhimpur Nighasan Case: लखीमपुर खीरी कोर्ट ने निघासन रेप मर्डर केस में आरोपियों को दी आजीवन कारावास की सजा
शीर्ष कोर्ट के फैसले से 6.60 लाख अभ्यर्थियों को उनके यूपीटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है. क्योंकि मामला कोर्ट में होने के चलते यूपी में टीईटी सर्टिफिकेट का वितरण रोक दिया गया था. UPTET-2021 इस साल 23 जनवरी को आयोजित किया गया था, जिसका परिणाम 8 अप्रैल को जारी किया गया था.
WATCH: अंडे को लेकर है कोई भी भ्रम तो सुन लीजिए प्रेमानंद महाराज की ये बात