Samagra Shiksha Sbhiyan : उत्तर प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर है. यहां वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी मिल गई है. बता दें कि यह 12744.41 करोड़ रुपये कार्ययोजना हैं.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश के लिए केंद्र सरकार के द्वारा 12,744.41 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी गई है. यह कार्ययोजना वार्षिक है जिसमें 11,525.37 करोड़ रुपये बेसिक शिक्षा के लिए, 996.27 करोड़ रुपये को माध्यमिक शिक्षा के लिए और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए 222.76 करोड़ रुपये की स्वीकृत प्रदान कर दी गई है.
बेसिक शिक्षा के लिए भी धनराशि का आवंटन
बेसिक शिक्षा के लिए जो आवंटित धनराशि है उसमें से उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न मदों में एक तय धनराशि स्वीकृति दी गई है. यह 1,907 करोड़ रुपये है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में की बात करें तो इसमें परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 22,000 स्मार्ट क्लासरूम (Smart Classroom In UP) बनाए जाएंगे जिनमें डिजिटल प्रणाली से पहली से लेकर आठवीं की क्लास तक बच्चों को शिक्षा दिए जाने की योजना है. वार्षिक कार्ययोजना में इसके लिए रुपये 123 करोड़ की मंजूरी दी गई है.
डिजिटल प्रणाली से शिक्षा
डिजिटल प्रणाली से शिक्षा दी जा सके इसके लिए 8,778 टैबलेट दिए जाने के लिए 17.55 करोड़ रुपये मंजूर किए गए. बच्चों के लिए इन टैबलेट में कक्षावार पाठ्य सामग्री होगी. शिक्षकों को डिजिटली शिक्षा मुहैया कराने के मकसद को पूरा लिए प्रशिक्षित करने और उनकी निपुणता को बढ़ाने के लिए 3669 सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) लैब भी डेवलप करने की योजना है जिसके लिए 145 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है.
लर्निंग बाई डूइंग
छठवीं से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई एक मानक स्तर पर लाने का लक्ष्य है. इसके लिए रेमेडियल टीचिंग कराने की योजना है. जिसके लिए 66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. यह टीचिंग 50 दिनों की होगी. क्विज प्रतियोगिताओं व विज्ञान प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाएगा. गणित किट व छात्र-छात्राओं की एक्सपोजर विजिट की भी व्यवस्था होगी. यह सब राष्ट्रीय अविष्कार योजना के अंतर्गत होगा और इसके लिए 58 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. 88.6 करोड़ रुपये का आवंटन इसलिए किया गया है तारि 1772 स्कूलों में 'लर्निंग बाई डूइंग' कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जा सके और चलाया जा सके.
स्कूलों के कायाकल्प की योजना
कार्ययोजना में और भी बहुत कुछ है. जैसे कि 605 करोड़ रुपये का आवंटन मौजूदा परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प, उन स्कूलों में मूलभूत सुविधाए मुहैया कराने के लिए किए गए. जोकि वार्षिक कार्ययोजना के तहत होना है. 2,522 अतिरिक्त क्लासरूम बनाने के लिए 150 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. नये स्कूलों को बनाने के लिए पुराने स्कूलों के उच्चीकरण के लिए रुपयों का आवंटन किया गया है जोकि 195 करोड़ हैं. 1806 जर्जर विद्यालयों के कायाकल्प के लिए 268 करोड़ रुपये दिए गए हैं. सोलर पैनल को 5006 स्कूलों में स्थापित किया जाना है साथ ही बिजली की व्यवस्था भी मुहैया कराए जाने की व्यवस्था है. 1,725 करोड़ रुपये का आवंटन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए किया गया है. जिसमें से 209 केजीबीवी के निर्माण 957 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.
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