12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तराकाशी जिले के सिलक्यारा में एक सुरंग धंस गई. इस हादसे में 41 मजदूर सुरंग में फंस गए थे, जिनमें से आठ लोग यूपी के थे. सभी मजदूर करीब 400 घंटे बाद सुरंग से बाहर आए थे. अब सभी अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं.
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Uttarakashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया. सभी मजदूर डॉक्टर की देखरेख के बाद अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गए. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 8 मजदूर लखनऊ पहुंचे. यहां वे लखनऊ के हजरतगंज स्थित नैमिषारण्य वीवीआईपी गेस्ट हाउस में प्रदेश सरकार की तरफ से इनके ठहरने की व्यवस्था की गई है. सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी मजदूरों से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद यूपी के श्रावस्ती, लखीमपुर, मिर्जापुर के रहने वाले सभी मजदूर अपने अपने घरों के लिए रवाना हो जाएंगे.
सभी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने व्यवस्था की है. लखनऊ पहुंचे मजदूरों ने बताया कि हमारे लिए यह एक नई जिंदगी है. भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार की मदद से आज हम लोगों को सुरक्षित निकाला गया. सुबह सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद हम लोग घर के लिए निकल जाएंगे. घर आने की खबर सुनकर परिवार वाले खुश हैं. सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बार-बार फोन कर हालचाल ले रहे हैं.
रेस्क्यू किए गए यूपी के श्रमिकों के नाम
अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जय प्रकाश, अखिलेश कुमार, मंजीत, राम सुन्दर.
दिवाली वाले दिन हुआ था हादसा
यह हादसा 12 नवंबर को सुबह हुआ था. उस दिन दीपावली की वजह से टनल का काम सुबह 8 बजे बंद होने वाला था. मजदूर त्योहार मनाने के लिए बाहर निकलने वाले थे, लेकिन सुबह करीब 4 बजे निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. टनल के ऊपर मलबा गिरने से 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. भारतीय सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसी तमाम एजेंसियों ने मिलकर संयुक्त बचाव अभियान चलाया, जिसके बाद सभी मजदूर पहाड़ का सीना 'चीरकर' मंगलवार (28 नवंबर) को सुरंग से बाहर आए.
मिली है 1-1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि
बचाए गए सभी 41 श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि (सहायता राशि) दी गई है. इसके साथ ही उत्तराखंड के सीएम धामी ने एनएचएआई से भी अनुरोध किया कि मजदूरों को कुछ दिन की छुट्टी वेतन के साथ जाए. ताकि सभी मजदूर आराम से घर जा सकें.
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