Waqf Board Bill: यूपी में वक्फ बोर्ड की अरबों की संपत्तियां, लखनऊ जामा मस्जिद-इमामबाड़ा से लेकर सलीम चिश्ती की दरगाह तक
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Waqf Board Bill: यूपी में वक्फ बोर्ड की अरबों की संपत्तियां, लखनऊ जामा मस्जिद-इमामबाड़ा से लेकर सलीम चिश्ती की दरगाह तक

Waqf Act Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई. वक्फ कानून में संशोधन होने पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा. यूपी में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं. 

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Waqf Bill:  वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई. बिल को सत्तापक्ष के सांसदों ने अल्पसंख्यकों के हित वाला बताया, तो दूसरी तरफ विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि वे इससे असहमत हैं और उन्होंने डिसेंट नोट दे दिया है.

केंद्र सरकार ने अगस्त में लोकसभा में वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधायक पेश किया था. अगस्त 2024 में जब यह बिल सदन के पटल पर रखा गया था, बिल पर व्यापक चर्चा, सभी पक्षों को बोलने का मौका और सभी की समस्याओं को सुनने की मांग की गई थी. इसके बाद इस पर जेपीसी गठित की गई. जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई. यह बिल वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कम कर इसकी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और इसमें मुस्लिम महिलाओं समेत मुस्लिम समाज के अन्य वर्गों को प्रतिनिधित्व देने से जुड़ा है. वक्फ कानून में संशोधन होने पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा. यूपी में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं. 

आज पेश होगा विधेयक
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू लोकसभा में अगस्त में वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो अहम विधेयकों को पेश किए. रिजिजू वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया था.  वक्फ कानून में संशोधन का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं.

पहले बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में महत्वपूर्ण संशोधन लाए जाएंगे, वहीं दूसरे बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा. इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्यसभा में पेश किए गए वक्फ संपत्ति से जुड़े कानून को वापस लेने का विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे.

यूपी में अनुमानित आंकड़े 
यूपी में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास 2.32 लाख संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब पौने तीन लाख करोड़ रुपये के करीब है. यूपी में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के पास उनकी कितनी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है, इसका सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है. राज्य सरकार वक्फ की संपत्तियों और उनके विवादों की सूची तैयार करवा रही है. इसे तैयार होने में अभी और वक्त लगेगा लेकिन संपत्तियों में विवाद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में 65 हजार से अधिक मामले ट्रिब्यूनल में लंबित हैं. 

उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियों की संख्या - 1,17,161
टीले वाली मस्जिद, लखनऊ
जामा मस्जिद, लखनऊ
नादान महल मकबरा, लखनऊ
शाही अटाला मस्जिद जौनपुर
दरगाह सैयद सालार मसूद गाजी, बहराइच
सलीम चिश्ती का मकबरा, फतेहपुर सीकरी
धरहरा मस्जिद, वाराणसी

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियों की संख्या : 15,386 संपत्तियां
बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ
छोटा इमामबाड़ा लखनऊ
इमामबाड़ा किला-ए-मुअल्ला, रामपुर
मकबरा जनाब-ए-आलिया, रामपुर
इमामबाड़ा खासबाग, रामपुर
बहू बेगम का मकबरा, फैजाबाद
दरगाहे आलिया नजफ-ए-हिंद, बिजनौर
मजार शहीद-ए-सालिस, आगरा

क्या है वक्फ कानून
- विवादित जमीनों का नए सिरे से सत्यापन
- वक्फ अधिनियम में जरूरी संशोधन
-  वक्फ बोर्डों की व्यापक शक्तियों की समीक्षा
-  वक्फ बोर्ड की शक्तियां सीमित होंगी

कई जमीनों पर विवाद
लखनऊ के सआदतगंज में साल 2016 में शिया वक्फ बोर्ड ने शिवालय की संपत्ति को वक्फ संपत्ति में ले लिया. शिवालय पक्ष की ओर से इसको लेकर दलीलें दी गईं लेकिन कोई हल नहीं निकला. मामला शिया वक्फ बोर्ड पहुंचा, जांच हुई तो पता चला कि 1864 के राजस्व खातों में जमीन शिवालय के नाम है, जिसके बाद इसे अलग किया गया. इसके अलावा कपूरथला की जामा मस्जिद की जमीन को लेकर भी विवाद हुआ.

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