मैनपुरी में अवैध शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश: तीन आरोपी गिरफ्तार, 4 फर्जी लाइसेंस भी हुए बरामद
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मैनपुरी में अवैध शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश: तीन आरोपी गिरफ्तार, 4 फर्जी लाइसेंस भी हुए बरामद

सख्ती से पूछताछ करने पर उमेश ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी लाइसेंस बनाता है. इससे पहले भी कई अपराधों में बांछित है. पुलिस जानकारी में पता चला है कि ये छह लोग हैं. 

मैनपुरी में अवैध शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश: तीन आरोपी गिरफ्तार, 4 फर्जी लाइसेंस भी हुए बरामद

अशुतोष मिश्रा/मैनपुरी: यूपी के मैनपुरी में पुलिस ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से 4 फर्जी लाइसेंस भी बरामद किए गए हैं. गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस जुट गई है. ये लोग फर्जी शस्त्र लाइसेंस बना कर लोगों को चुना लगाने का काम करते थे.

चेकिंग के दौरान पकड़ा गया आरोपी
इंस्पेक्टर कोतवाली भानु प्रताप को मुखबिर ने सूचना दी कि बेवर का रहने वाला एक व्यक्ति जो फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाता है. वह क्षेत्र में गया है. इस सूचना पर इंस्पेक्टर ने एसआई अमित सिंह ने एक टीम को गिरफ्तारी के लिए लगा दिया. कुछ देर बाद गोला बाजार तिराहा के पास से पुलिस ने उमेश चंद्र निवासी मनकापुर बेवर को गिरफ्तार कर लिया. उसकी तलाशी ली गई, तो उसके पास से चार अवैध शस्त्र लाइसेंस बरामद हुए. जब इसकी असलहा बाबू से जांच कराई गई तो यह फर्जी पाए गए. कार्यालय में उक्त लाइसेंस किसी और के नाम से पंजीकृत थे. 

बनाता है साथियों के साथ मिलकर फर्जी लाइसेंस 
सख्ती से पूछताछ करने पर उमेश ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी लाइसेंस बनाता है. इससे पहले भी कई अपराधों में बांछित है. पुलिस जानकारी में पता चला है कि ये छह लोग हैं. 

बनवा रखा है फर्जी शस्त्र लाइसेंस
उसने बताया कि कलक्ट्रेट में तख्त लगाकर बैठने वाला अमर सिंह निवासी नगला नया दीवानी और जबर सिंह निवासी रूपपुर सदर कोतवाली शस्त्र नंबर और धारक की जानकारी देते थे. पकड़े गए शंकर ने भी अपना फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाया हुआ है. पुलिस ने बताया कि वह हत्या के एक मामले में पूर्व में जेल जा चुका है. 

पुलिस मामले की जांच में जुटी, बाकी की तलाश जारी
वहीं लंबे उर्फ सुनील निवासी ऑफिसर्स कॉलोनी, कॉलोनी के पीछे ही लाइसेंस पर मोहर आदि बनाने का काम करता था. शमशाद निवासी काजीटोला बेवर और शंकर उर्फ रामपाल निवासी जीटी रोड बेवर ने उसे कूटरचित लाइसेंस बनवाने के लिए दिए. अभी और अभियुक्तों को पकड़ने की कार्रवाई चल रही है.

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