उन्नाव रेप केस: AIIMS में अस्थायी कोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू, दर्ज होंगे पीड़िता के बयान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand571394

उन्नाव रेप केस: AIIMS में अस्थायी कोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू, दर्ज होंगे पीड़िता के बयान

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह का समय दे दिया था. 

पीठ ने यह भी कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश मुकदमे की सुनवाई पूरी करने की अवधि बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, क्योंकि निचली को 45 दिनों से आगे तक सुनवाई जारी रखने पर कोई रोक नहीं है.

नई दिल्ली: उन्नाव केस में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद एम्स में अस्थायी कोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर की पहली मंजिल पर सेमिनार हॉल में अस्थाई कोर्ट बनाई जाएगी. 11 सितंबर सुबह 10 बजे से पीड़िता के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बयान दर्ज करने की प्रक्रिया "इन कैमरा" यानि बंद कमरे में होगी. सुनवाई के दौरान किसी भी तरह की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की मनाही होगी. कोर्ट ने सेमिनार हॉल में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी बंद रखने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान पीड़ित और आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह का आमना-सामना ना हो इसके लिए कोर्ट रूम में पर्दे लगाए जाएंगे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह का समय दे दिया था. पीठ ने यह भी कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश मुकदमे की सुनवाई पूरी करने की अवधि बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, क्योंकि निचली को 45 दिनों से आगे तक सुनवाई जारी रखने पर कोई रोक नहीं है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता से जुड़े सभी पांच मामलों को दिल्ली हस्तांतरित कर दिया था. सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति की गई थी, जो प्रतिदिन मामले की सुनवाई कर रहे हैं. शीर्ष न्यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि 45 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए.

Trending news