मायावती ने साधा निशाना, 'BJP ने गणतंत्र को 'मनतंत्र' की तरफ धकेला'
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मायावती ने साधा निशाना, 'BJP ने गणतंत्र को 'मनतंत्र' की तरफ धकेला'

मायावती ने कहा कि लोगों को अपनी हालत सुधारने और अन्य को सुधारने का मौका आम चुनाव देता है, जिसके खास महत्व को अब सच्चे देशहित में समझने और उस पर अमल करने की भी सख्त जरूरत है. 

बीएसपी चीफ मायावती (फाइल फोटो)

लखनऊ:  बीएसपी प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भारतीय गणतंत्र को 'मनतंत्र' की तरफ धकेलने का आरोप लगाया. मायावती ने एक बयान में आरोप लगाया कि केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछले करीब पांच साल के अपने शासनकाल में भारतीय गणतंत्र के मूल्यों व सिद्धान्तों को ताक पर रखकर इसे अपने 'मनतंत्र' की संकीर्णता में धकेलने का प्रयास किया है. यह अनुचित और अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि अब तक का अनुभव तो यही बताता है कि संविधान को उसकी असली मंशा के हिसाब से लागू ही नहीं किया गया, वरना देश की आजादी के बाद से अब तक सात दशकों से अधिक के समय में देश में छायी व्यापक गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि काफी कुछ दूर हो गई होती.

मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए संदेश देने की कोशिश करते हुए कहा कि लोगों को अपनी हालत सुधारने और अन्य को सुधारने का मौका आम चुनाव देता है, जिसके खास महत्व को अब सच्चे देशहित में समझने और उस पर अमल करने की भी सख्त जरूरत है. यही गणतंत्र दिवस का असली संदेश है.

'अब कुछ नया करने का समय नजदीक आ गया है'
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि अब कुछ नया करने का समय नजदीक आ गया है ताकि देश के संविधान की सच्ची मंशा और भावना के साथ जनहित के जरिेए देश की लगभग सवा सौ करोड़ से अधिक गरीब व मेहनतकश आम जनता का जीवन संवारा जा सके.

उन्होंने कहा कि देश का 70वां गणतंत्र दिवस इस बात का आकलन करने का समय है कि इन वर्षों में विभिन्न पार्टियों की ख़ासकर केन्द्र में रही सरकारों से देश के बहुजन समाज ने क्या पाया और उनके जीवन में क्या कोई बेहतर बदलाव आया है. क्या उन्हें जातिवाद के अभिशाप से मुक्ति मिली है? उनके साथ सरकारी भेदभाव व तिरस्कार समाप्त होकर क्या सरकारी नौकरियों व शिक्षा आदि में समुचित भागीदारी मिली है?

(इनपुट - भाषा)

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