उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में थाना प्रभारी ने साल 2022 में महंत और उनकी पत्नी पर फर्जी मुक़दमा दर्ज कर जे भेज दिया था. जेल से छूटने के बाद महंत ने अदालत में इंसाफ की गुहार लगाते हुए अर्जी दी थी. इस मामले में अदालत ने जांच के आदेश दिए थे.
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से पुलिस का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां थाना प्रभारी ने साल 2022 में किसी मामले की शिकायत लेकर आये महंत सहित उनकी पत्नी को ही फर्जी मुकदमें में फंसा कर जेल भेज दिया था. जेल से छूटने के बाद महंत ने अदालत में इंसाफ की गुहार लगाई थी. पीड़ित की शिकायत पर अदालत ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे.जांच में तथ्य साफ़ होने के बाद कोर्ट ने गाजियाबाद स्थित लोनी बॉर्डर के पूर्व एसओ SO सहित 35 पुलिसकर्मियों पर मुक़दमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
यह है मामला...
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने में कोर्ट के आदेश पर 35 पुलिसकर्मियों सहित 3 अन्य लोगों पर FIR दर्ज हुई है. दरअसल जुलाई 2022 में फर्जी केस में लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र स्थित सिद्ध बाबा मंदिर मोनू धाम के महंत सोनू और उसकी उनकी पत्नी दीपा को जेल भेज दिया था. जेल से छूटने के बाद महंत ने कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगे थी. जांच के बाद अदालत ने गाजियाबाद लोनी थाना बॉर्डर पूर्व एसओ योगेंद्र पवार सहित 35 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र का मामला
पीड़ित ने इस मामले में अधिक जानकरी देते हुए बताया कि वह जुलाई माह में वो किसी गरीब की सहायता हेतु कन्या का विवाह कर रहे थे. इसी दौरान कुछ लोग वहां पर आ धमके और गाली गलौच के साथ-साथ मारपीट भी की. इस मामले की शिकायत लेकर महंत अपनी पत्थानी सहित थाने पहुंचे जहां पुलिस कर्मियों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और उनकी शिकायत नहीं ली. इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है.
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