कुलदीप चौहान/बागपत: अगले महीने श्रावण का पावन महीना शुरू हो जाएगा. जिसके साथ कांवड़ यात्रा भी हर वर्ष की तरह धूमधाम से निकलेगी. जिसके चलते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. कांवड़ यात्रा और परशुरामेश्वर महादेव मंदिर पर लगने वाले तीन दिवसीय महाशिवरात्रि मेले के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली शराब व मीट की दुकानों को बंद करने के संबंधित विभागों के अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं.


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कांवड़ मार्ग की मीट-शराब की दुकानें रहेंगी बंद
कांवड़ यात्रा को लेकर लाखों काँवड़िये हरिद्वार के कांवड़ लेकर हरियाणा, दिल्ली,राजस्थान के लिए बागपत जनपद से होकर गुजरते हैं. भगवान भोले की भक्ति में यात्रा कर रहे भक्तों को किसी तरह की कोई दिक्क़त या परेशानी न हो, इसके चलते ही कांवड़ मार्गो पर पड़ने वाली मीट और शराब की दुकानों को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं. 


लाखों श्रद्धालु करते हैं जलाभिषेक
भगवान भोलेनाथ के भक्त हरिद्वार और गोमुख से गंगाजल लेकर महाशिवरात्रि के दिन शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे. बागपत जिले के पुरा गांव में ऐतिहासिक परशुरामेश्वर महादेव मंदिर है. जहां साल में दो बार फाल्गुन और श्रावण के महीने में शिवरात्रि पर तीन दिवसीय मेला लगता है और लाखों कांवड़िये व श्रद्धालु भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करते हैं. डीएम बागपत और एसपी ने कलेक्ट्रेट सभागार में सभी अधिकारियो की मीटिंग ली और सख्त दिशा निर्देश हैं. 


2 अगस्त को होगा जलाभिषेक
परशुरामेश्वर महादेव मंदिर ऐतिहासिक है. इस क्षेत्र को प्राचीकाल में कजरी वन के नाम से जाना जाता था. इन्ही वनों में रहकर अपनी मां को जीवित करने और पश्चाताप करने के लिए भगवान परशुराम जी नें घोर तपस्या की थी. भगवान शिव नें उन्हें दर्शन दिए थे तो उन्होंने भोलेनाथ से अपनी मां को जीवित करने के लिए वरदान मांगा. जिसके चलते भगवान भोलेनाथ ने कहा था कि गोमुख से जल लाकर यहां शिवलिंग स्थापना कर जलाभिषेक करने से उनकी मांग पूरी हो जाएगी. तभी यहां भगवान भोलेनाथ के परशुरामेश्वर महादेव मंदिर शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक होता है. इस बार 2 अगस्त को भगवान आशुतोष का जलाअभिषेक किया जाएगा. 


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