दरभंगा ब्लास्ट: पिता ने फौजी के रूप में लड़ी 1962 की लड़ाई, दोनों बेटे बने आंतकी, जानिए पूरी कहानी
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दरभंगा ब्लास्ट: पिता ने फौजी के रूप में लड़ी 1962 की लड़ाई, दोनों बेटे बने आंतकी, जानिए पूरी कहानी

17 जून को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से आए कपड़े के बंडल वाले पार्सल में धमाका हुआ था. तभी से यूपी बिहार व तेलंगाना की एटीएस मामले की जांच कर रही थी. बाद में मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था. एनआईए ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए दरभंगा रेलवे स्टेशन विस्फोट मामले में दो आतंकियो को गिरफ्तार करने की जानकारी दी हैं. 

सांकेतिक

शामली: बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पिछले दिन हुए ब्लास्ट के मामले में अब बड़ी सफलता मिली है.एनआईए और एटीएस की टीम ने कैराना के दो सगे भाइयों को हैदराबाद से दबोच लिया है. इस मामले में अब बड़े राज खुल सकते हैं. दोनों आरोपी यूपी के कैराना के मोहल्ला कायस्थवाडा निवासी बताए गए हैं. पकड़े गए दोनों आरोपियों का पिता रिटायर फौजी हैं. जो 1962 में भारत की ओर से चीन के खिलाफ हुए युद्ध की लड़ाई लड़ चुका हैं.

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 बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुआ था धमाका 
17 जून को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से आए कपड़े के बंडल वाले पार्सल में धमाका हुआ था. तभी से यूपी बिहार व तेलंगाना की एटीएस मामले की जांच कर रही थी. बाद में मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था. एनआईए ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए दरभंगा रेलवे स्टेशन विस्फोट मामले में दो आतंकियो को गिरफ्तार करने की जानकारी दी हैं. 

हैदराबाद में कपड़े का कारोबार कर रहे थे दोनों भाई
हैदराबाद में गिरफ्तार इमरान मलिक और नासिर खान मूल रूप से कैराना कस्बा के मोहल्ला कायस्थवाडा के रहने वाले हैं. दोनों आरोपी के पड़ोसी तौफीक ने बताया कि दोनों भाई पिछले कई सालों से हैदराबाद में रहकर कपड़े का कारोबार कर रहे थे. स्थानीय लोगो ने बताया कि दोनों आरोपियों का पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी है जो 1962 में भारत चीन के बीच हुए युद्ध की लड़ाई लड़ चुका है.

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6 माह पहले इमरान हैदराबाद अपने भाई नासिर के पास चला गया-पड़ोसी
जब मोहल्ला कायस्थवाडा में पहुंचकर दोनों आरोपियों के मकान पर जानकारी लेनी चाही तो आरोपियों के मकान का गेट बंद मिला. मकान के अंदर कोई मौजूद नहीं मिला. पड़ोसी तौफीक मलिक ने बताया कि उनको मीडिया के माध्यम से इमरान और नासिर के हैदराबाद में पकड़े जाने की जानकारी मिली हैं. वहीं कैराना कस्बे के मोहल्ला खेलकला में उनके पिता मूसा खान की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान मौजूद है. 6 माह पहले इमरान कैराना से हैदराबाद अपने भाई नासिर के पास चला गया था. 

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इससे पहले भी यहां पर हुई कार्रवाई
बता दें कि इससे पहले भी गत 23 जून को कैराना नगर के मोहल्ला बिसातियान व आलखुर्द निवासी सलीम टुइयां व कफील को एटीएस ने उठाया था. बाद में इन्हें एनआईए को सौंप दिया. दरभंगा ब्लास्ट मामले में कैराना से एक के बाद एक आरोपियों को पकड़ा जा रहा है. उससे कैराना एक बार फिर देश भर में बदनाम हो रहा है. सूत्रों के अनुसार कैराना नगर के अलग-अलग मोहल्लों से गिरफ्तार आरोपियों के बाद आने वाले समय में और अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती हैं.

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