UP को सौर ऊर्जा उत्पादन का हब बनाने की कोशिश, श्रीकांत शर्मा बोले- उर्जा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलाव
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UP को सौर ऊर्जा उत्पादन का हब बनाने की कोशिश, श्रीकांत शर्मा बोले- उर्जा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलाव

 उर्जा एवं संस्कृति मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में उभरता हुआ राज्य बन रहा है.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ रहा है उत्तर प्रदेश- श्रीकांत शर्मा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का वादा किया है. जिसे पूरा करने के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश को सौर ऊर्जा उत्पादन का हब बनाया जाए. वहीं उर्जा एवं संस्कृति मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में उभरता हुआ राज्य बन रहा है. 2022 तक सोलर एनर्जी से 10,700 ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप स्थापित विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 6,400 मेगावॉट का उत्पादन बड़ी परियोजनाओं से और 4,300 मेगावॉट का उत्पादन ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप की मदद से किया जाएगा. 2030 तक इसे बढ़ाकर क्रमशः 15,000 मेगावॉट व 8,500 मेगावॉट किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने 3 साल में उन्हें 18,823 सोलर पंप दिए हैं. सरकार किसानों के डीजल पम्पसेट्स को सोलर पम्पसेट्स में बदलने का अभियान भी शुरू करने जा रही है. इसके तहत 2030 तक 1 लाख डीजल पम्पसेट्स को सोलर पम्पसेट्स से बदलने का भी लक्ष्य रखा गया है.

ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप स्थापित होंगे
वहीं 1 लाख किसानों के यहां ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप स्थापित किये जायेंगे. अभी 3 हॉर्स पॉवर तक के सोलर पंप कनेक्शन पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 45 और 30 फीसदी, 5 हॉर्स पॉवर के कनेक्शन 30-30 फीसदी का अनुदान भी दिया जा रहा है. शेष 40 फीसदी राशि के लिए नाबार्ड व अन्य संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 16 हजार सोलर पम्प स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है.

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बिजली उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की आय
किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत, वह अपनी भूमि पर 500 किलोवॉट से लेकर 2 मेगावाट क्षमता तक के सोलर पावर प्लांट लगवा सकते हैं. इससे उत्पादित बिजली सरकार 3.10 रूपये/यूनिट की दर से खरीदेगी. जल्द ही सरकार इसके लिए प्रस्ताव मांगेगी. 2030 तक 1000 MW की क्षमता के ऐसे प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है. घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है. अब तक 187.16 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफ टॉप प्लांट लगवाए जा चुके हैं. 3 किलोवॉट तक के प्लांट पर केंद्र सरकार द्वारा 40%, इससे ऊपर की क्षमता के प्लांट पर 20% तथा राजीव सरकार द्वारा प्रति किलोवॉट 15 हजार व अधिकतम 30 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है.

1657 मेगावॉट की परियोजनाओं की स्वीकृति
मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नेडा द्वारा विभिन्न योजनाओं में अब तक 66,358 सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाई जा चुकी हैं. प्रोजेक्ट मोड जिला योजना के तहत जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर प्रति लाइट 7,100 रूपये अनुदान भी दिया जाता है. मौजूदा समय में सरकार ने 5500 करोड़ से अधिक की विभिन्न योजनाओं में अब तक 1657 मेगावॉट की परियोजनाओं की स्वीकृति दी है. इसमें 946 मेगावॉट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है. इसमें सोनभद्र की रिहंद जल विद्युत परियोजना में 750 करोड़ की लागत से 150 मेगावॉट क्षमता के देश के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट भी शामिल है. जिससे मार्च 2021 से विद्युत उत्पादन भी शुरू हो जाएगा.

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