राम मंदिर की खूबसूरती बढ़ाएंगे मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर, जानिए क्यों हैं खास
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राम मंदिर की खूबसूरती बढ़ाएंगे मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर, जानिए क्यों हैं खास

यहां के पत्थर देश के कई ऐतिहासिक भवनों के साक्षी हैं. चक्रवर्ती सम्राट अशोक की लाट से लेकर कई ऐतिहासिक धरोहर के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थरों का उपयोग किया जा चुका है. 

सांकेतिक तस्वीर.

मिर्जापुर: अशोक स्तम्भ में राष्ट्रीय चिन्ह अंकित करने वाले मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर अब श्री राम मंदिर के निर्माण में भी प्रयोग किया जायेगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने इन पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा था, जो अब पास हो गया है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जिले के गुलाबी पत्थरों को देखा है. यहां के पत्थरों की मजबूती और सुंदरता को देखते हुए इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं व्यापारियों को उम्मीद है कि गुलाबी पत्थर का ऑर्डर मिलने से यहां के पत्थर कारोबारियों को एक नई गति मिलेगी.

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इन जगहों पर हो चुका है इस पत्थर का इस्तेमाल
यहां के पत्थर देश के कई ऐतिहासिक भवनों के साक्षी हैं. चक्रवर्ती सम्राट अशोक की लाट से लेकर कई ऐतिहासिक धरोहर के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थरों का उपयोग किया जा चुका है. अहरौरा पहाड़ी का विश्व प्रसिद्ध गुलाबी पत्थर अब भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर में भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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क्या है खासियत?
इन गुलाबी पत्थरों की आयु ज्यादा होती है. ये पत्थर बाकी पत्थरों की तुलना में मजबूत होते हैं. पानी और धूप में भी इनकी चमक फीकी नहीं पड़ती. नक्काशी के उभार में भी इन पत्थरों का अपना विशेष महत्व है. यही कारण है कि यहां के पत्थरों की डिमांड दिन  प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आपको बता दें कि चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है.

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BSP सुप्रीमो मायावती के कारण आया था चर्चा में
विंध्य पर्वत क्षेत्र अहरौरा इलाके के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता चला आ रहा है. हालांकि इन पत्थरों की चर्चा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती के कारण पूरे देश में उस समय हुई थी, जब उन्होंने अंबेडकर पार्क, कांशीराम स्मारक सहित प्रदेश के कई हिस्सों में यहां के पत्थरों का प्रयोग कराया था. इससे पूरे देश में मीर्जापुर का गुलाबी पत्थर चर्चा में आ गया. यही पत्थर अब राम मंदिर का आकर्षण बनेंगे. इसकी गुणवत्ता, सुंदरता और मजबूती को देखते हुए अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

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वहीं खनन अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बीते दिनों पहले कुछ लोग अयोध्या से यहां के पत्थर देखने आएं थे. राम मंदिर निर्माण में भी यहां के पत्थर लगे हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए करीब 4 लाख क्यूबिक फीट पत्थर वहां लगेंगे. उन्होंने बताया कि इससे पहले काशी विश्वनाथ में भी यहां के पत्थर लग चुके हैं.

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