कॉलेज के सभी दस्तावेज में अब इसका नया नाम शामिल हो गया है. इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है और ओपीडी भी चलती है. अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है, इसमें 350 कोविड बेड हैं.
Trending Photos
मेरठ: समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान बनकर तैयार हुए मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज का नाम अब नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस होगा. भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के अधिक्रमण में शासी बोर्ड ने नए नाम से प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. आपको बता दें कि ये मेडिकल कॉलेज बीजेपी से एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल का है.
मेडिकल कॉलेज को बनाया गया है कोविड अस्पताल
मेडिकल कॉलेज 2015 में बना, जब इसका शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था. एमसीआई की अनुमति से 2018 में 150 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई थी. लेकिन अब इसका नाम बदल गया है. कॉलेज के सभी दस्तावेज में अब इसका नया नाम शामिल हो गया है. इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है और ओपीडी भी चलती है. अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है, इसमें 350 कोविड बेड हैं. जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज भी एडमिट हैं.
क्यों बदला कॉलेज का नाम?
इस वक्त बीजेपी से एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल इससे पहले समाजवादी पार्टी की नेता थीं. उनका नाम मुलायम सिंह यादव की गुडलिस्ट में भी शुमार था. यही वजह है कि उन्होंने मेरठ में बनवाए गए इस मेडिकल कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा. लेकिन अब सरोजिनी अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कहीं न कहीं कॉलेज का नाम मुलायम सिंह यादव के नाम पर होने की वजह से इसके विकास में अड़चन आ रही है. जिसे दूर करने के लिए कॉलेज का नाम बदला गया है.
watch live tv