Muradabad Nagar Nikay Chunav 2023 : रविवार को भाजपा ने पहले चरण के चुनाव को लेकर 10 नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. भाजपा की इस सूची में एक खास बात देखने को मिली है. भाजपा ने दस प्रत्याशियों में सिर्फ एक निर्वतमान मेयर पर दोबारा भरोसा जताया है.
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Muradabad Nagar Nikay Chunav 2023 : यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. रविवार को भाजपा ने पहले चरण के चुनाव को लेकर 10 नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. भाजपा की इस सूची में एक खास बात देखने को मिली है. भाजपा ने दस प्रत्याशियों में सिर्फ एक निर्वतमान मेयर पर दोबारा भरोसा जताया है. भरोसा जताया भी क्यूं न जाए, क्यों यहां हुए 6 बार मेयर के चुनाव में 4 बार अपना परचम लहराया है. जी हां हम बात कर रहे हैं मुरादाबाद नगर निगम सीट की.
कुछ इस तरह रहा परिवार का सियासी सफर
दरअसल, भाजपा ने रविवार देर रात 10 नगर निगमों के प्रत्याशियों की जो सूची जारी की, उसमें नौ नए प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. एक पुराने प्रत्याशी पर भरोसा जताना यह दिखाता है कि भाजपा वहां से अपना सीट गंवाना नहीं चाहती. मुरादाबाद नगर निगम में अब तक 6 बार चुनाव हुए हैं. इसमें 4 बार विनोद अग्रवाल के परिवार का दबदबा रहा है. यही वजह है कि भाजपा ने एक बार फिर से मुरादाबाद मेयर के लिए विनोद अग्रवाल को ही अपना प्रत्याशी बनाया है. तो आइये जानते हैं इस परिवार की सियासी कहानी....
इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में विनोद अग्रवाल
मुरादाबाद की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले विनोद अग्रवाल को तीसरी बार भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है. दो बार महापौर की कुर्सी संभाल चुके विनोद अग्रवाल इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. वहीं, विनोद अग्रवाल की पत्नी स्व. बीना अग्रवाल दो बार मुरादाबाद मेयर पद पर रह चुकी थीं. रविवार को जब भाजपा ने इन्हें फिर से हैट्रिक लगाने के लिए प्रत्याशी बनाया तो इनके घर समर्थकों की भीड़ लग गई. समर्थक पहले से ही जीत की मिठाई खिलाने पहुंच गए.
1995 में पहली बार करना पड़ा हार का सामना
बता दें कि मुरादाबाद नगर निगम की स्थापना वर्ष 1995 में हुआ. पहले नगर निगम चुनाव में भाजपा से डॉ. सुरेंद्र चंद्र गुप्ता को चुनाव लड़ाया गया. इसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. सपा के हुमायूं कदीर ने विजयी दर्ज की थी. पहली बार हार का सामना कर चुके विनोद अग्रवाल दूसरी बार पूरी रणनीति बनाकर अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा. विनोद अग्रवाल की पत्नी बीना अग्रवाल ने बसपा के आसमा असलम को हराकर यहां से पहली बार कमल खिलाया था.
पत्नी के निधन के बाद हुए थे उपचुनाव
इसके बाद 2006 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने विनोद की पत्नी बीना को दोबारा प्रत्याशी बनाया. हालांकि, इस बार सपा के डॉ. एसटी हसन ने इन्हें चुनाव हराकर मेयर की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाया. वहीं, 2012 के चुनाव में बीना अग्रवाल ने हुमायूं कदीर को हराकर दूसरी बार मेयर बनीं. साल 2016 में मेयर रहते हुए बीना अग्रवाल का निधन हो गया. इसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए. इस बार बीना के पति विनोद अग्रवाल भाजपा से चुनाव लड़े और सपा के राजकुमार प्रजापति को हरा दिया. 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में विनोद अग्रवाल चुनाव लड़े और दूसरी बार जीत दर्ज की.
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