UP Nikay Chunav 2023: आखिरकार फर्रुखाबाद की सियासत में वही हुआ जिसके कयास काफी समय से लगाए जा रहे थे. सपा और पार्टी के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह यादव के बीच रिश्तों की तल्खी आज अलग-अलग राह में तब्दील हो गई. नरेंद्र सिंह यादव ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है.
Trending Photos
अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: लोकसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी को झटके लगने शुरू हो गए हैं. सपा से 6 बार के विधायक और एक बार के मंत्री रहे नरेंद्र सिंह यादव ने आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया. नरेंद्र सिंह सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते थे. बीजेपी का झंडा उठाते ही उन्होंने कहा कि पार्टी में मुलायम सिंह के बादपुराने लोगों का सम्मान नहीं बचा है. इस मौके पर उनके बेटे सचिन यादव और बेटी जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव भी बीजेपी में शामिल हुईं.
याद आई सपा की गुंडई
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में गुंडागर्दी और कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे आपमान की वजह से मैंने पार्टी छोड़ी है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव का काफिला लखनऊ से सीधा भाजपा जिला कार्यालय पहुंचा. यहां डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने राम-नाम का दुपट्टा पहनाकर पूर्व मंत्री का भारतीय जनता पार्टी में आने पर स्वागत किया.
नरेंद्र सिंह के भाजपा में शामिल हो जाने से समाजवादी पार्टी को फर्रुखाबाद जिले मे काफी बड़ा झटका लगा है. इसका निकाय चुनाव पर भी असर पड़ना तय है. बताया जाता है कि पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ नरेंद्र सिंह यादव की पुत्री मोनिका यादव की शादी भी हुई थी कुछ समय बाद यह रिश्ता टूट गया. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव काफी समय से समाजवादी पार्टी में हाशिए पर थे, इसी कारण वह सपा में अपने आप को काफी उपेक्षित महसूस कर रहे थे.
यह भी पढ़ें: क्या है आगरा का सियासी समीकरण, क्या नगर निगम में जारी रहेगी बीजेपी की सत्ता
नरेंद्र सिंह यादव की पुत्री मोनिका यादव निर्दलीय जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के समर्थन से बनी थी. विधानसभा क्षेत्र चुनाव में अमृतपुर विधानसभा से सपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे. हालांकि चुनाव में हार जरूर मिली, लेकिन सपा प्रत्याशी की भी जीत नहीं होने दी थी. अब फर्रुखाबाद नगर पालिका में सपा के लिए चुनौती बढ़ना तय है.
WATCH: झांसी में सीएम योगी ने भरी हुंकार, कहा- 'बीजेपी प्रत्याशियों के हाथ मजबूत करो, विकास के लिए पैसों की कमी नहीं'