UP Nikay Chunav:भदोही में कांग्रेस के मंच पर जब रोते हुए पहुंचे सपा के एक नेता, टिकट मिलने पर हुए खुश
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UP Nikay Chunav:भदोही में कांग्रेस के मंच पर जब रोते हुए पहुंचे सपा के एक नेता, टिकट मिलने पर हुए खुश

UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव के दौरान हर एक दल से दूसरे दल में आने-जाने का सिलसिला जारी है. शनिवार को भदोही में सपा के एक नेता अपनी पार्टी से कुछ इस कदर नाराज हुए कि कांग्रेस के मंच पर जाकर रोने लगे. लेकिन जैसे ही उन्हें टिकट मिल गया नेताजी खुश हो गए.

UP Nikay Chunav:भदोही में कांग्रेस के मंच पर जब रोते हुए पहुंचे सपा के एक नेता, टिकट मिलने पर हुए खुश

रमेश चंद मौर्य/भदोही : जिले के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी में लगातार घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस के मंच पर सपा नेता हसनैन अंसारी रोते नजर आए उन्होंने कांग्रेस नेता अजय राय की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली है. बीते दिनों सपा ने हसनैन अंसारी की पत्नी को सपा ने टिकट देकर उनकी टिकट काट दी थी अब हसनैन अंसारी की पत्नी तरन्नुम आरा कांग्रेस की टिकट पर भदोही नगर पालिका से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रही हैं.

2017 के निकाय चुनाव में सपा के टिकट पर हसनैन अंसारी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़े थे. हालांकि वह 204 वोट से चुनाव हारे थे. इस बार भी निकाय चुनाव में हसनैन अंसारी की पत्नी तरन्नुम आरा को समाजवादी पार्टी ने टिकट की घोषणा कर उनकी टिकट काट दी गई. अब कांग्रेस ने हसनैन अंसारी की पत्नी को टिकट दिया है. आज हसनैन अंसारी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता लेने पहुंचे तो मंच पर भाषण देते हुए कांग्रेस नेता अजय राय की मौजूदगी में वह रोते नजर आए. उन्होंने कहा कि उन्होंने 30 वर्ष समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में काम किया लेकिन सपा ने उनको धोखा दिया है.

सदस्यता लेने के दौरान भी वह सपा की लाल टोपी और सपा का गमछा पहनकर आए थे जिसको कांग्रेस नेता अजय राय ने उतारा और कांग्रेस का गमछा उनके गले में पहनाया है. रोते हुए सपा नेता के आंसू साफ करते अजय राय इस मौके पर नजर आए. 

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निकाय चुनाव में हर दिन दल बदलने की ऐसी खबरें सामने आ रही हैं. दरअसल पिछले कुछ सालों में नेता, कार्यकर्ता और राजनीतिक दल सब बदल गए हैं. चुनाव से पहले तक सभी एक दूसरे के प्रति खूब प्रतिबद्धता दिखाते हैं लेकिन चुनाव आते ही सबका मकसद सिर्फ टिकट और चुनाव जीतने के लिए जोड़-तोड़ हो जाता है. अब फैसला मतदाताओं को करना है.

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