Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लाखों राज्‍य कर्मचारियों के लिए कार्मिक विभाग ने खतरे की घंटी बजा दी है. प्रार्थन पत्र देकर छुट्टी पर जाने वाले कर्मचारी सावधान हो जाएं. अगर किसी कर्मचारी ने केवल प्रार्थना पत्र देकर छुट्टी पर गया तो उसकी सर्विस ब्रेक हो जाएगी. इसके बाद जब वह नौकरी दोबारा ज्‍वॉइन करेगा तो वहीं से सर्विस शुरू होगी. इसका सीधा असर प्रमोशन और इंक्रीमेंट पर भी पड़ेगा. 


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कार्मिक विभाग ने जारी किया आदेश 
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. लोक निर्माण अनुभाग-8 की ओर से इस आदेश में कहा गया है कि सभी प्रकार के अवकाश मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकृत किए जाएंगे. भौतिक रूप से प्राप्त अवकाश संबंधी प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे. मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकृत होंगे. 


अनुपस्थित माना जाएगा यह तरीका 
अगर कोई कर्मचारी किसी कागज पर प्रार्थना पत्र लिखकर छुट्टी पर चला जाता है तो उस आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा. नए आदेश के मुताबिक, उस कर्मचारियों को ऐसी स्थिति में अनुपस्थित मानते हुए उसकी सर्विस ब्रेक की जा सकती है. सर्विस ब्रेक होने की दशा में ऐसे कर्मचारियों की इंक्रीमेंट और प्रमोशन उस दिन से निर्धारित किए जाएंगे जिस दिन वह सर्विस ब्रेक होने के बाद दोबारा अपने पद पर ज्वाइन करेगा. ऐसे में पूरी सर्विस बुक नए सिरे से तैयार की जाएगी. इसकी वजह से कर्मचारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.


अधिकांश कर्मचारियों के बन गए हैं अकाउंट
उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में अधिकांश कर्मचारी और अधिकारियों के मानव संपदा पोर्टल पर अकाउंट बन गया है. इसके जरिए वे अपनी छुट्टी अप्लाई कर सकते है और ऑनलाइन उनका विभागाध्‍यक्ष इस छुट्टी को प्रमाणित करता है. ऑनलाइन छुट्टी प्रमाणित होने की दशा में विभाग अध्यक्ष के सामने सभी छुट्टियों की पारदर्शी जानकारी उपलब्ध होती है. कर्मचारी इसमें कोई घालमेल नहीं कर सकता.