उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में पहले से ही नियमित प्रेस नोट जारी होते हैं. प्रयोग के तौर पर पहले भी संस्कृत भाषा में प्रेस नोट जारी हुए थे, लेकिन अब यह काम नियमित तौर पर किया जाएगा.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने तमाम निर्णयों व कार्यक्रमों की जानकारी हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भाषा में भी जारी करना शुरू कर दिया है. इस संबंध में कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भाषा में भी जारी की जाएं. इसके बाद शनिवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो COVID-19 हेल्थ बुलेटिन जारी की गई वह हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत में भी लोगों के सामने आई.
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मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी. सीएम ऑफिस ने अपने ट्वीट में लिखा, ''मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अब शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां संस्कृत भाषा में भी जारी की जाएंगी. इसके बाद सूचना विभाग ने कोविड-19 के मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई बैठक का प्रेस नोट शनिवार को संस्कृत भाषा में जारी किया गया.'' आपको बता दें कि इसके संस्कृत भाषा के दो जानकारों की नियुक्ति भी की गई है जो सरकारी प्रेस विज्ञप्तियों को संस्कृत भाषा में लिखेंगे.
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत प्रतिदिन की जा रही समीक्षा बैठक की आज की संस्कृत भाषा में निर्गत प्रेस विज्ञप्ति.. pic.twitter.com/601r7dGLYV
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 26, 2020
उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में पहले से ही नियमित प्रेस नोट जारी होते हैं. प्रयोग के तौर पर पहले भी संस्कृत भाषा में प्रेस नोट जारी हुए थे, लेकिन अब यह काम नियमित तौर पर किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और संस्कृत के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करने के लिए यह कदम उठाया गया है. आपको बता दें कि संस्कृत एक बेहद प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है. भारत के हिस्सों में प्राचीन काल में संस्कृत बोलचाल की प्राथमिक भाषा रही है, लेकिन अब यह सिर्फ शास्त्रों, उपनिषदों तक ही सिमटती जा रही है.
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