नई कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बने दो नेताओं ने विरोध जताते हुए इस्तीफा देने के बाद पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा.
Trending Photos
हल्द्वानी: उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा के साथ उपजा विवाद और बढ़ गया है. हल्द्वानी में कांग्रेस के स्वराज आश्रम में आयोजित खिचड़ी भोज में उस वक्त रायता फैल गया, जब खिचड़ी भोज का शुभारंभ करने आए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने गेट पर ही अपना इस्तीफा सौंप दिया.
नैनीताल दुग्ध संघ के पूर्व चेयरमैन संजय किरोला और कालाढूंगी से नगर पालिका चेयरमैन रह चुके दीप सती ने अपना इस्तीफा देते हुए समर्थकों के साथ विरोध जताया. नई कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बने दोनों नेताओं ने विरोध जताते हुए इस्तीफा देने के बाद पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा.
इस्तीफा सौंप चुके संजय किरोला का कहना था कि लंबे समय से पार्टी में काम करने के बावजूद उनको प्रदेश सचिव बनाया गया है बल्कि जिसने पिछले चुनाव में पार्टी का विरोध किया उन्हें महामंत्री पद से नवाजा जा रहा है. संजय किरोला ने कहा कि हरीश धामी का दर्द बिल्कुल ठीक है. पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को ही पार्टी में आगे बढ़ाना चाहिए जो कि बिल्कुल नहीं हो रहा है.
गौरतलब है कि नई कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव पद मिलने से खफा विधायक हरीश धामी इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने PCC चीफ प्रीतम सिंह की गैर मौजूदगी में उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को प्रदेश सचिव पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है. सोमवार को नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धामी ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहीं इंदिरा हृदयेश पर सिडकुल मामले में गड़बड़ी करने और अपने पीआरओ को सिडकुल में अच्छे पद पर नियुक्त करने का आरोप लगाया.
उधर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने सबके सामने कहा है कि मास नेताओं को पार्टी में शामिल करें और उनको जिम्मेदारी भी दें. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार ही कार्य हो रहा है. इंदिरा हृदयेश ने साफ कहा कि राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा तीनों में बना रहना चाहिए. हम यहां से दिल्ली तक चर्चा में हैं और हमने सब जगह बात भी कर ली है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारा कुछ बिगड़ने वाला नहीं है.
उधर, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि नई कार्यकारिणी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर गठित की गई है. जो इसमें काम करना चाहेंगे उनका स्वागत है और जो नहीं करना चाहेंगे उनकी अपनी मर्जी है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जो कार्यकारिणी उन्होंने काट छांट कर कम करके दी थी एआईसीसी में वह कार्यकारिणी कैसे बड़ी हो गई यह जांच का विषय है.