योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने साफ किया है कि कोविड-19 के मरीजों और क्वॉरंटीन सेंटर में रखे गए लोगों को एहतियात के साथ मोबाइल रखने की अनुमति होगी.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वॉर्ड और क्वॉरंटीन सेंटर में मोबाइल न रखने के आदेश को वापस ले लिया गया है. योगी सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने साफ किया है कि कोविड-19 के मरीजों और क्वॉरंटीन सेंटर में रखे गए लोगों को एहतियात के साथ मोबाइल रखने की अनुमति होगी.
DG चिकित्सा शिक्षा ने अपने आदेश में संशोधन कर दिया है. जिसके मुताबिक आइसोलेशन वॉर्ड में अब मरीज मोबाइल फोन रख सकता है. लेकिन, वॉर्ड में भर्ती होने वक्त मरीज को डिस्क्लोज करना होगा कि उसके पास मोबाइल फोन और चार्जर है. भर्ती होते ही चिकित्सा प्रशासन मोबाइल को डिसइन्फेक्ट करेगा और उस फोन को कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल नहीं करेगा. रोगी के ठीक होने पर मोबाइल को दोबारा डिसइन्फेक्ट किया जाएगा.
दरअसल, पहले डॉक्टरों की ओर से दलील दी गई थी कि अगर COVID-19 का पेशेंट मोबाइल इस्तेमाल करता है तो काफी दिनों तक वायरस उस मोबाइल में रह सकता है. जिस कारण कई लोग उससे संक्रमित हो सकते हैं. लखनऊ का KGMU इस गाइडलाइन को फॉलो कर रह था. इस दौरान मरीजों के लिए परिजनों से बात करने के लिए इंटरकॉम की व्यवस्था की गई थी.