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यूपी में है एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी, 1300 एकड़ में फैली, हार्वर्ड-ऑक्सफोर्ड भी फेल

उत्‍तर प्रदेश में कई विश्‍वविद्यालय हैं. बहुत कम लोगों को पता है कि एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी यूपी में ही है. इस यूनिवर्सिटी का इतिहास वर्षों पुराना है. एक बार यहां एडमिशन हो गया तो छात्रों के प्‍लेसमेंट की चिंता रहती है.

अमेरिका की ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी छोटी

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अमेरिका की ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी छोटी

यूपी की सबसे बड़ी यून‍िवर्सिटी के आगे अमेरिका की ऑक्‍सफोर्ड यून‍िवर्सिटी भी छोटी पड़ जाती है. इस विश्वविद्यालय के अंग्रेजी और हिंदी में दो अलग-अलग नाम भी हैं. 

क्‍या नाम है

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क्‍या नाम है

उत्‍तर प्रदेश के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी का नाम BHU यानी बनारस हिन्‍दू यूनिवर्सिटी. इसे काशी हिन्‍दू विश्वविद्यालय भी कहा जाता है. 

कब स्‍थापना हुई

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कब स्‍थापना हुई

बनारस हिन्‍दू यून‍िवर्सिटी की स्‍थापना साल 1916 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. यहां की इमारतें इंडो गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन नमूना पेश करती हैं. 

कितना एरिया में फैला

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कितना एरिया में फैला

बनारस हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय करीब 1300 एकड़ यानी 5.3 किलोमीटर में फैला है. हर साल यहां से लगभग 30 हजार से ज्‍यादा बच्‍चे पास होकर निकलते हैं.  

 

हॉस्‍टल के कमरे भी बड़े

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हॉस्‍टल के कमरे भी बड़े

यूपी के इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ा हॉस्टल भी बनाया गया है, जो और यूनिवर्सिटी के मुकाबले काफी बड़ा है. 

यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर ये कहानी

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यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर ये कहानी

बनारस यूनिवर्सिटी की स्‍थापना का श्रेय पंडित मदन मोहन मालवीय को जाता है. उन्‍हें विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए यह जगह दान में मिली थी. 

पैदल चलने को कहा

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पैदल चलने को कहा

कहा जाता है कि बनारस के काशी नरेश ने मदन मोहन को कहा था कि 1 दिन में आप जितना पैदल चलकर नाप लेंगे उतनी जगह में विश्वविद्यालय के नाम कर दी जाएगी. 

इतना पैदल चले

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इतना पैदल चले

इसके बाद मदन मोहन मालवीय ने दिन भर पैदल चले. इसमें 11 गांव, 70 हजार पेड़, 100 पक्के कुएं, 20 कच्चे कुएं, 860 कच्चे घर, 40 पक्के मकान वाली जगह बीएचयू को मिली. 

मंदिर और धर्मशाला दान

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मंदिर और धर्मशाला दान

यही वजह है कि बनारस विश्‍वविद्यालय का परिसर इतना बड़ा हो गया. वहीं, बनारस के काशी नरेश ने बीएचयू के निर्माण के लिए एक मंदिर और एक धर्मशाला भी दान की थी.