पीएम मोदी के 40 साल का `वो` संकल्प, जिसे सुपरपावर अमेरिका भी नहीं डिगा पाया
पहले तो उनके संकल्प के बारे में किसी को पता भी नहीं था, लेकिन साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें जब अमेरिका दौरे पर जाना था तो उनका ये संकल्प पूरी दुनिया को पता चल गया.
दुनिया की सबसे ताकतवर इंसान माने जाने वाले अमेरिकन राष्ट्रपति के साथ नरेंद्र मोदी भोज पर बैठे, लेकिन उन्होंने सिर्फ गर्म पानी पिया, क्योंकि वे शारदीय नवरात्रि के उपवास पर थे. इस बात की चर्चा ग्लोबल मीडिया में हुई और उनकी धार्मिक आस्था सबकी नजरों में आ गई.
राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जब सोमनाथ से आडवाणी की रथ यात्रा का आगाज हुआ, तो भी वक्त शारदीय नवरात्रि का ही था. 25 सितंबर 1990 में जब यात्रा शुरू हुई, तो नवरात्रि का पांचवां दिन था. उस दौरान आडवाणी के सारथी बने नरेंद्र मोदी की तस्वीरें खूब दिखीं, लेकिन बड़ा नाम न होने की वजह से कोई नहीं जानता था कि वे नवरात्रि उपवास के बाद भी इतने उत्साह से भरे हुए थे.
खुद लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार कहा था कि नवरात्रि के दौरान कड़े संकल्प का पालन करते हुए भी नरेंद्र मोदी के अंदर ऊर्जा और उत्साह की कमी बिल्कुल नहीं दिखाई दी थी.
पिछले वर्ष चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक थे. लोकसभा चुनाव का पहला चरण 11 अप्रैल से शुरू हुआ था. इस दौरान प्रधानमंत्री हजारों किलोमीटर का हवाई सफर करके लगातार चुनाव प्रचार में करते रहे. भीषण गर्मी में भी मोदी केवल पानी और नींबू पानी पीते थे.
2015 में नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन असम के कामाख्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना कर व्रत की शुरुआत की थी. इसके बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू किया था.
29 मार्च 2017 में जीएसटी बिल के लोकसभा में पारित होने के दौरान प्रधानमंत्री चैत्र नवरात्र के उपवास पर थे. जीएसटी बिल को आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा जाता है.
प्रधानमंत्री ने 2016 में नवरात्र के व्रत के बाद दशहरा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाया था. यहीं से उन्होंने यूपी में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की. मई 2017 में हुए चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी
एक बार उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा था, नवरात्रि के उपवास उनका वार्षिक आत्मशुद्धि व्यायाम है, जो उन्हें हर रात अम्बे मां के साथ बातचीत करने की शक्ति और क्षमता प्रदान करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चैत्र और शारदीय, दोनों ही नवरात्रि में 9 दिन का उपवास रखते हैं.
40 वर्षों से प्रधानमंत्री इसी तरह वर्ष के 18 दिन उपवास पर रहते हैं. आश्चर्य की बात ये है कि शारदीय नवरात्रि हो या चैत्र नवरात्रि के दौरान भीषण गर्मी, इस दौरान प्रधानमंत्री सिर्फ नींबू पानी, पानी और एक फल का आहार लेते हैं.