दरअसल, 28 अगस्त को दिन दहाड़े 9 हथियारबंद 5 बदमाशों ने चौक बाजार में भरत ज्वैलर्स के यहां डकैती डाल थी. दिन दहाड़े हुई इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे.
पुलिस ने तीन आरोपितों को पहले ही मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था. मुख्य आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव फरार चल रहा था. पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम भी रखा था.
गुरुवार तड़के यूपी एसटीएफ को सूचना मिली कि मंगेश यादव मोटरसाइकिल से हनुमानजंग के पास पहुंचा है, तभी एसटीएफ ने घेराबंदी कर दी.
पुलिस को देखकर मंगेश ने फायरिंग कर दी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मंगेश यादव ढेर हो गया है. उसे सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मंगेश यादव पर लूट और चोरी के करीब 7 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ ने उसके पास 315 बोर का तमंचा, 32 बोर की पिस्टल और लूट के जेवर भी बरामद किए हैं.
योगी सरकार के एनकाउंटर को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि जाति देखकर जान ली जा रही है.
प्रदेश में सात साल के दौरान 195 अपराधी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. जबकि छह हजार से अधिक गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. हालांकि इस दौरान एक डिप्टी एसपी समेत 16 पुलिसवालों की भी शहादत हुई.
यूपी में पिछले 7 सालों में पुलिस और अपराधियों के बीच 9700 से ज्यादा मुठभेड़ें हुई हैं. 5250 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मंगेश यादव इसमें सबसे नया प्रकरण है.
चुनाव खत्म होते ही यूपी पुलिस ने जौनपुर में एक लाख के इनामी बदमाश प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस को मार गिराया था. वह सात साल से फरार चल रहा था. पत्रकार आशुतोश श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मथुरा में मनोज नाम के 50 हजार इनामी बदमाश को यूपी पुलिस ने मार गिराया था. इसके अलावा मुजफ्फरनगर में दो लाख रुपये का इनामी नीलेश राय को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था.