पीलीभीत, लखीमपुर खीरी जैसे कुछ जिलों में हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं. शारदा नदी से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से तमाम गांव और कस्बे को पानी घुस गया है.
पीलीभीत और आसपास के तराई वाले जिलों में बांधों से पानी ओवरफ्लो हो गए हैं. ऐसे में कलीनगर इलाके के साथ तटवर्ती गांवों में पानी भर गया है.
इलाके में बिजली भी ठप हो गई है और मोबाइल टॉवर भी डीजल न मिलने से नेटवर्क नहीं दे पा रहे है. आलम ये है कि पुलिस और प्रशासन भी प्रभावित गांवों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
कलीनगर और पूरनपुर इलाके के गांवों का बुरा हाल है. नगरिया खुर्द कलां, महाराजपुर, नलडेंगा, रमनगरा, गभिया सहराई, कंजिया सिंहपुर, बंझरबोज, बूंदीभूड़ जैसे दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
भारी बारिश से माधोटांडा पीलीभीत मार्ग पर दयालपुर गांव के निकट संपर्क मार्ग बह गया. इससे दो दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.
रेलवे ट्रैक के एक हिस्से की जमीन भी पानी से कट गई. पीलीभीत मैलानी जंक्शन रेल मार्ग पर शाहगढ स्टेशन और संडई हाल्ट के बीच सकरिया नाले के तेज बहाव से यह वाकया हुआ.
पुलिया बहने से रेल पटरियां हवा में नजरआने लगीं. इस मार्ग की ट्रेनों का संचालन भी ठप हो गया है.
श्रावस्ती में भी बारिश का पानी आम जन जीवन को प्रभावित करने लगा है.
जमुनहा इलाके के बाद बाढ़ हरिहरपुर, इकौना और गिलौला इलाके में अपना कहर बरपा रही है.
कई गांवों में पानी भरा है और सड़कें सैलाब बन गई हैं. कुछ लोग डर के मारे वापस लौट रहे हैं तो कुछ जान जोखिम में डालकर किसी तरह रास्ता पार कर रहे हैं.
इकौना, हरिहरपुर रानी और गिलौला इलाके के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. मल्हीपुर भिनगा मार्ग पर बाढ़ के पानी ने सड़क को कई जगह से काट दिया है.
इससे आवागमन पूरी तरह बाधित है. ग्रामीण ने बताया कि दोन्दरा, सिहनिया सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. सड़कों पर पानी चल रहा है. भिनगा इकौना मार्ग पर भोजपुर गाँव के पास सड़क पूरी तरह जलमग्न हैं.
सड़क पर लबालब पानी है. दर्जनों लोग उस पार जाने का इंतजार कर रहे हैं, मगर बाढ़ के पानी के कहर के आगे सब बेबस हैं.