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कौन हैं BJP विधायक सुरेश्‍वर सिंह, आदमखोर भेड़‍ियों से बदला लेने राइफल लेकर जंगल में उतरे

यूपी के बहराइच में इन दिनों आदमखोर भेड़‍ियों का आतंक जारी है. आदमखोर भेड़‍ियों ने ग्रामीणों को अपना निवाला बनाया तो वहां के स्‍थानीय विधायक बंदूक लेकर जंगल में उतर गए. आलम यह है कि आम लोगों की तरह विधायक भी रात-रात भर गांव में पहरा दे रहे हैं.

समर्थकों के साथ हथियार लेकर घूम रहे विधायक जी

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समर्थकों के साथ हथियार लेकर घूम रहे विधायक जी

दरअसल, बहराइच की महसी सीट से बीजेपी विधायक सुरेश्‍वर सिंह ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ को चिट्ठी लिखकर क्षेत्र में आदमखोर भेड़‍ियों के आतंक की जानकारी दी है.

कौन हैं सुरेश्‍वर सिंह?

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कौन हैं सुरेश्‍वर सिंह?

विधायक सुरेश्वर सिंह अपनी लाइसेंसधारी राइफल और अपने समर्थकों के साथ भेड़िए की खोज में निकले हैं. उनके समर्थकों के पास भी मॉडर्न हथियार हैं. तो आइये जानते हैं कौन हैं बीजेपी विधायक सुरेश्‍वर सिंह. 

महसी सीट से विधायक

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महसी सीट से विधायक

सुरेश्वर सिंह का जन्‍म सिसैया चुरामन गांव में हुआ था. सुरेश्‍वर सिंह 12वीं पास हैं. महसी सीट पर सुरेश्‍वर सिंह के परिवार का दबदबा रहा है. 

पिता दो बार चुनाव लड़े

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पिता दो बार चुनाव लड़े

उनके पिता सुखद राज सिंह ने साल 1974 में जनसंघ से चुनाव लड़े और विधायक बने थे. इसके बाद वह 1977 में दोबारा जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े और जीते. 

विरासत में मिली सियासत

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विरासत में मिली सियासत

सुरेश्‍वर सिंह को सियासत विरासत में मिली है. साल 2017 में सुरेश्‍वर सिंह ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2022 में दोबारा वह विधायक बनकर लखनऊ पहुंचे. 

एसडीएम को धमकाने के आरोप में हो चुकी है सजा

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एसडीएम को धमकाने के आरोप में हो चुकी है सजा

इससे पहले सुरेश्‍वर सिंह इसी साल जनवरी में सुर्खियों में आए थे. 21 साल पुराने केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्‍हें दो साल की सजा सुनाई थी. 

 

दोषी करार दिया था

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दोषी करार दिया था

कोर्ट ने विधायक सुरेश्‍वर सिंह को एसडीएम के दफ्तर में घुसकर धमकी देने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दीषी करार दिया था. 

 

कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा

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कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा

दो सितंबर 2002 को सुरेश्‍वर सिंह के खिलाफ तत्‍कालीन एसडीएम के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसी मामले में कोर्ट ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी.