पीलीभीत, मो. तारिक: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की तमाम योजनाओं पर उस समय प्रश्न चिन्ह लग गया, जब एक महिला ने पीलीभीत (Pilibhit) रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और तो और बच्चे के जन्म के 12 घंटे बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल नसीब हुआ. सीएमओ इसे नेचुरल प्रक्रिया बताया. 


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बताया जा रहा है कि महिला पिछले 15 साल से इसी फुटपाथ पर अपने पति के साथ रहती है. पति लावारिस लाशों को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाता है. आरोप है कि परिवार को एक अदद मदद के लिए एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई. 


लोगों को खुले आसमान से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का भी खूब बखान हो रहा है, लेकिन ये तस्वीर बतचा रही है कि अभी कई लोगों को छत मय्सर नहीं हो सकी है. पीलीभीत रेलवे स्टेशन के बाहर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है. आरोप है कि महिला दर्द से करहा रही थी लेकिन लोग तमाशबीन बने रहे. 


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खबरें मीडिया में आने के बाद महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है. वहीं, इस मामले पर सीएमओ का कहना है कि महिला को अस्पताल की जरूरत ही नहीं थी और बच्चा भी स्वस्थ है. उन्होंने डिलीवरी की प्रक्रिया को नेचुरल प्रक्रिया बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया. सीएमओ के इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं.