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मथुरा : मथुरा के जवाहरबाग इलाके में हिंसक झड़प की घटना के बाद दिन में शुक्रवार को असहज शांति बनी रही और बड़ी संख्या में पुलिस बलों और अर्धसैनिक बलों ने चौकसी बनाए रखी। स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। जवाहरबाग इलाके में हजारों लोगों ने अतिक्रमण करके कुछ सालों से तंबू लगा रखे थे। इलाके में दाखिल होने के एक मात्र रास्ते को पुलिस ने बंद कर दिया। इलाके से हजारों प्रदर्शनकारी शुक्रवार रात को भाग गए।
मथुरा जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में कार्यरत कप्तान सिंह ने कहा, 'गुरुवार कीशाम करीब साढ़े चार बजे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और पीएसी के जवान अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए जवाहरबाग के बाहर एकत्र हुए थे। शहर के पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी को आखिरी बार यह कहते सुना गया कि अतिक्रमणकारी स्थान को खाली कर दें और प्रशासन एवं पुलिस के साथ सहयोग करें।' उन्होंने कहा कि जब पुलिस अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही थी तभी जवाहरबाग से गोलीबारी शुरू हुई।
एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, 'गोलियों की बौछार हो रही थी। हम लोग गोलीबारी की आवाज थमते तक घरों में ही दुबके रहे। शाम करीब साढ़े पांच बजे हम बार आए तो पुलिस वालों को मेन रोड की ओर दौड़ते देखा। कुछ देर में पता चला कि फरह के थाना प्रभारी की गोली लगने से मौत हो गई और एसपी घायल हो गए हैं। उन्हें और अन्य घायलो को अस्पताल ले जाया गया।' शुक्रवार को मथुरा और निकट के जिलों के 200 से अधिक पुलिस अधिकारियों को इलाके में तैनात किया गया ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति फिर नहीं बिगड़े।