अलीगढ़ में SSP ऑफिस पर प्रदर्शन कर रहे हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. 7 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया.
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अलीगढ़: अलीगढ़ में SSP ऑफिस पर प्रदर्शन कर रहे हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता उस आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, जिन्होंने उनके लोगों पर हमला बोला था. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. जागरण मंच के कार्यकर्ता दीवार कूदकर भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें उतार कर जमकर पीटा. लाठीचार्ज से पहले पुलिसकर्मियों ने SSP ऑफिस के गेट को बंद कर दिया, फिर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी.
#WATCH: Police baton charge on members of Hindu Jagran Manch who were protesting outside the office of Aligarh Senior Superintent of Police (SSP), demanding the arrest of accused who had attacked one of their members. pic.twitter.com/vJkqoWxUkT
— ANI UP (@ANINewsUP) 12 June 2018
इस दौरान हिंदू जागरण मंच के 7 कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया. जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनते दलित कार्यकर्ता पर 3 महीने पहले मीनाक्षी सिनेमा के मैनेजर ने हमलाकर मारने का प्रयास किया था. पुलिस ने दलित उत्पीड़न का मामला बनता देख आरोपी से बड़ी रकम रिश्वत में लेकर धारा 307 हटा दी. पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिलने पर जागरण मंच के कार्यकर्ता SSP ऑफिस में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे थे. तभी अचानक से लाठीचार्ज का ऑर्डर दे दिया गया और प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी गई.
Protesters alleged that section 307 was removed from the case. We conveyed to them that an investigation will be conducted over it but they continued to protest so we had to lathi-charge them (members of Hindu Jagran Manch) & arrested 7 people: Ashutosh Dwivedi, SP Crime #Aligarh pic.twitter.com/Y8W5GPoNob
— ANI UP (@ANINewsUP) 12 June 2018
SSP ऑफिस परिसर में जिन कार्यकर्ताओं की बाइक लगी थी सभी बाइक को सीज कर थाना भेजी जा रही हैं. इस मामले में पुलिस का कहना है कि हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता प्रदर्शन के दौरान केसरिया कपड़े से गेट बंद कर दिया था. गेट बंद होने की वजह से यहां पहुंच रहे फरियादियों को भारी परेशानी हो रही थी. पहले उन्हें समझाने की कोशिश की गई. जब वे नहीं माने तो उनके खिलाफ लाठीचार्ज का ऑर्डर दिया गया. लाठीचार्ज का मकसद प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ना था.