Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में पांच एकड़ में बसेगा महागांव, 75 देशों के 25 करोड़ श्रद्धालुओं का उमड़ेगा सैलाब
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Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में पांच एकड़ में बसेगा महागांव, 75 देशों के 25 करोड़ श्रद्धालुओं का उमड़ेगा सैलाब

Prayagraj: साल 2025 में  जनवरी से शुरू हो रहे कुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मेला क्षेत्र के 5 एकड़ में संस्कृति ग्राम का निर्माण किया जाएगा. यह सस्कृति ग्राम कई मायने में विशिष्ट होगा और 45 दिन तक एक्जिबिशन समेत अलग-अलग सांस्कृतिक आयोजन होंगे. 

Prayagraj Mahakumbh 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025 : अगले साल जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारियां योगी सरकार ने तेज कर दी है. 5 एकड़ में बसने वाले इस ग्राम में 45 दिनों तक अलग- अलग आयोजन चलेंगे जिसमें सनातन परंपरा की झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी. संस्कृति ग्राम में ऑग्मेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी के जरिए महाकुंभ के अलग-अलग सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा. 

मेला क्षेत्र में 30 भव्य थीम आधारित गेट का भी निर्माण होगा जो कि त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक संकल्पनाओं पर आधारित होगा. 

30 द्वार के नाम 
महाकुंभ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा 30 भव्य द्वारों का निर्माण कराया जाएगा. इनके नाम महाकुंभ लोगों द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, ऐरावत द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्क्ष द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं.

थीम के अनुरूप होंगे निर्मित
इन सभी द्वारों पर सेल्फी प्वॉइंट, लैंप पोस्ट व पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा. इन सभी द्वारों को थीम के अनुरूप निर्मित किया जाएगा, जो इनके महत्व को दर्शाने के साथ ही टूरिस्ट अट्रैक्शन व फुटफॉल एरिया के तौर पर भी कार्य करेगा.

25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान  
यूनेस्को द्वारा कुंभ मेले को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर चिह्नित किया गया है. ऐसे में यहां दुनिया के 75 देशों से 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान लगया जा रहा है. यहीं कारण है कि आयोजन को इसी अनुपात में भव्य बनाने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. 

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