Prayagraj News : हाईकोर्ट के वकील सौरभ तिवारी ने गंगा की निर्मलता और अविरलता पर सवाल उठाए थे. पिछली सुनवाई पर एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम प्रयागराज को कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया था.
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Prayagraj News : प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल आचमन के लायक नहीं है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर एनजीटी ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. अब 23 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति अरुण त्यागी और ए सेंथिल वेल की तीन सदस्यीय कमेटी ने यह आदेश दिया है.
गंगा और यमुना में गिर रहा नालों का गंदा पानी
बता दें कि हाईकोर्ट के वकील सौरभ तिवारी ने गंगा की निर्मलता और अविरलता पर सवाल उठाए थे. पिछली सुनवाई पर एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम प्रयागराज को कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया था. कमेटी द्वारा एनजीटी को भेजी गई रिपोर्ट में अनटैप्ड कई नालों का गंगा और यमुना में गिरने का जिक्र है.
ऐसे पहुंच रहा गंदा पानी
बताया गया कि प्रयागराज में कुल 81 नालों के जरिए 289.97 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) सीवेज निकलता है. इसमें से 178.31 एमएलडी सीवेज ही मौजूदा 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में सीवेज नेटवर्क के जरिए पहुंचता है. जिसका मतलब कि 128.28 एमएलडी सीवेज का उपचार नहीं किया जा रहा है. ये सीधे गंगा और यमुना नदी में बहाए जा रहे हैं.
यूपी सरकार से मांगा जवाब
इससे पहले एनजीटी ने कहा था कि इस साल महाकुंभ का आयोजन होना है. इसको लेकर कोई प्रभावी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि 40 से ज्यादा नालों को अनटैप हैं. यही वजह है कि अभी भी गंगा और यमुना में गंदा पानी बहाया जा रहा है. एनजीटी ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर यूपी सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
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