मायावती ने कहा, 'तीन तलाक विधेयक में कई कमियां हैं'
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मायावती ने कहा, 'तीन तलाक विधेयक में कई कमियां हैं'

मायावती ने एक बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अड़ियल व अलोकतान्त्रिक रवैये के कारण अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरुप में पारित होकर कानून बन जाता है तो इससे मुस्लिम महिलाएं दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी तथा उनका हित होने के बजाय अहित ही होगा.' 

मायावती (फाइल फोटो)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम महिलाओं से संबंधित तीन तलाक विधेयक में कई गम्भीर त्रुटियां और कमियां होने का दावा करते हुए शुक्रवार (05 जनवरी) को कहा कि अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरुप में पारित होकर कानून बन जाता है तो इससे मुस्लिम महिलायें दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी . मायावती ने एक बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अड़ियल व अलोकतान्त्रिक रवैये के कारण अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरुप में पारित होकर कानून बन जाता है तो इससे मुस्लिम महिलायें दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी तथा उनका हित होने के बजाय अहित ही होगा.' 

  1. मौजूदा तीन तलाक बिल में कई कमियां हैं : मायावती
  2. मोदी सरकार ने इस मामले में जल्दबाजी की है : मायावती
  3. केंद् सरकार ने पार्टियों से थोड़ा सलाह-मशविरा करना भी जरूरी नहीं समझा : मायावती

मोदी सरकार को मनमानी की आदत हो गए है : मायावती
मायावती ने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से संबंधित कानून बनाने को लेकर बसपा सहमत है, परन्तु वर्तमान विधेयक में सज़ा आदि का जो प्रावधान किया गया है वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिये और भी ज़्यादा बुरा होकर उनके लिये दिन-प्रतिदिन की और भी नई समस्यायें पैदा करेगा जिससे उनका जीवन काफी ज्यादा मुश्किल हो जायेगा तथा वे शोषण का शिकार होंगी.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस प्रकार की कमियों पर खुले मन से विचार करना चाहिये जिसके संबंध में बेहतर विचार-विमर्श हेतु इस विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजने की माँग की जा रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस मामले में इतनी जल्दबाजी की है कि विपक्षी पार्टियों से थोड़ा सलाह-मशविरा करना भी जरूरी नहीं समझा.

संसद के शीत सत्र में पारित नहीं हो सका तीन तलाक बिल, केंद्र ने कांग्रेस पर फोड़ा ठीकरा

उन्होंने कहा कि दरअसल मोदी सरकार को मनमानी करने की आदत हो गयी है. चाहे नोटबन्दी का अपरिपक्व फैसला हो या काफी जल्दबाजी में जीएसटी का अत्यन्त कष्टदायी निर्णय या फिर अब तीन तलाक का महत्वपूर्ण मामला हो, मोदी सरकार द्वारा घोर मनमानी के साथ-साथ इनके अड़ियल रवैये अपनाने के कारण हर नई व्यवस्था देश की जनता के लिए जान का जंजाल ही साबित हुई है. मायावती ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार अपनी मुस्लिम-विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पूरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाये और फिर भाजपा अपनी राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे.

सरकार संसद के बजट सत्र में तीन तलाक विधेयक पारित कराने का प्रयास करेगी
सरकार विवादास्पद तीन तलाक विधेयक को अब बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में पारित कराने का प्रयास करेगी. सरकार का कहना है कि वह इस विधेयक के लिए प्रतिबद्ध है. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शीतकालीन सत्र के समापन पर कांग्रेस पर निशाना साधा. कांग्रेस ने लोकसभा में इस विधेयक का विरोध नहीं किया था लेकिन उच्च सदन में इसका विरोध किया. 

कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते है लेकिन जब इसको मूर्त रूप दिए जाने की बात आती है तो वह ‘‘भाग जाते है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा में कांग्रेस हर दिन विधेयक को लटकाने के लिए एक बहाने के साथ आई. कुमार ने कहा कि हालांकि सरकार ‘‘विधेयक को पारित कराने और हमारी मुस्लिम बहनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’ एक बार में तीन तलाक को फौजदारी अपराध बनाने वाले मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 के तहत दोषी मुस्लिम पुरूषो को तीन वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है.

इस विधेयक को 28 दिसम्बर को लोकसभा में पारित किया जा चुका है. किन्तु राज्यसभा में विपक्ष द्वारा इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग पर अड़ जाने के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका. जब 29 जनवरी को बजट सत्र की शुरूआत होगी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव को विचार-विमर्श के लिए लाया जायेगा. सरकार के सूत्रों ने बताया कि वे बजट सत्र के पहले चरण में कोई रास्ता निकालेंगे और किसी आम सहमति पर पहुंचने के लिए विपक्ष के साथ वार्ता की जायेगी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार बजट सत्र के लिए कार्यक्रम की एक सूची तैयार कर रही है. इसमें इस मुद्दे को लेकर एक अध्यादेश लाये जाने की संभावना नहीं है और अगले सत्र में विधेयक को पारित कराने का प्रयास किया जायेगा. कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद एक साथ तीन तलाक की परिपाटी जारी है और इसलिए सरकार के लिए यह जरूरी था कि वह इसके लिए कानून लेकर आये.

 

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