राष्ट्रपति ने किया 'ज्ञान कुंभ' का उद्घाटन कहा- 'बढ़े शिक्षा में भागीदारी'
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राष्ट्रपति ने किया 'ज्ञान कुंभ' का उद्घाटन कहा- 'बढ़े शिक्षा में भागीदारी'

इस मौके पर बी.आर. आंडेबडकर, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और शिक्षाविद व राजनेता मदन मोहन मालवीय को शिक्षा में उनके योगदान के लिए याद किया.

राष्ट्रपति ने प्रतिभागियों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की चुनौतियों का समाधान खोजने का आग्रह किया.

हरिद्वार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को समाज की सभी धाराओं के लोगों से शिक्षा में भागीदारी और योगदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया. दो दिवसीय 'ज्ञान कुंभ' का उद्घाटन करने के बाद पतंजलि विश्वविद्यालय में एक समारोह में राष्ट्रपति ने यहां के प्रतिभागियों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की चुनौतियों का समाधान खोजने का आग्रह किया. 

इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए पतंजलि के प्रयासों की सराहना करते हुए, जिसमें 18 राज्यों के उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा सचिव और 131 विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग ले रहे हैं, कोविंद ने कहा कि शिक्षा में शामिल लोगों के इतनी बड़ी संख्या में एकसाथ आना शिक्षा क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है.

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने की सभी की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक बच्चा शिक्षित हो और शिक्षकों को न केवल शिक्षा की मूल बातें, बल्कि हमारी समृद्ध विरासत और संस्कृति का भी ज्ञान विद्यार्थियों को देना चाहिए. उन्होंने इस मौके पर बी.आर. आंडेबडकर, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और शिक्षाविद व राजनेता मदन मोहन मालवीय को शिक्षा में उनके योगदान के लिए याद किया.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर देते कहा कि देश के 903 विश्वविद्यालयों में से केवल 39 प्रतिशत ने अनुसंधान किया. उन्होंने कहा कि 39,000 डिग्री कॉलेजों में केवल 40 प्रतिशत कॉलेज ही उच्च शिक्षा की सुविधाओं से संपन्न हैं. वहीं, योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से भारत को 'विश्व गुरु' बनाना है. पांच सत्रों में विभाजित इस सम्मेलन में राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिवों, नीति निर्माताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों, शोधकर्ताओं और देश भर के छात्रों समेत करीब 1800 लोग प्रतिभाग करेंगे.

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